Bhai dooj shubh muhurat 2023 : भाई दूज को भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए यहां

Bhai dooj timing 2023 ; हर साल भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसे में इस बार भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या है आपको बताते हैं. 

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Bhai dooj 2023 : उदया तिथि के हिसाब से भाई-बहन का त्‍योहार भाई-दूज 15 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा.

Bhai Dooj 2023 date : दीपावली के ठीक बाद भाई बहन (Bhai dooj 2023) का पवित्र पर्व भाई दूज मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपनी भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके बदले में भाई बहन को उपहार देते हैं. हर साल भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. ऐसे में हम आपको इस बार भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या है, इस आर्टिकल में बताते हैं. धन की कमी से रहते हैं परेशान, तो पीपल के पत्ते का उपाय कर देगा आर्थिक संकट की समस्या का निदान

भाई दूज का शुभ मुहूर्त 2023

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरूआत 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 बजे से हो रहा है और  समापन अगले दिन यानि 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01:47 बजे तक होगा.

कब करें तिलक 2023

उदया तिथि 15 नवंबर बुधवार को है तो इस दिन ही भाई दूज मनाया जाएगा. इस दिन राहुकाल को छोड़कर बहनें कभी भी भाई को तिलक कर सकती हैं. राहुकाल दोपहर 12:03 से 01:24 बजे तक रहेगा. सबसे शुभ समय सुबह 06:44 से 09:24 बजे तक है. 

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भाई दूज की कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार, भाई दूज की शुरूआत यमराज की बहन यमुना ने की थी. आपको बता दें कि यमराज और यमुना जी सूर्यदेव की संतान हैं. यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्रेम करते थे. एक बार उन्‍हें यमुना की बहुत याद आ रही थी.  तब वो अचानक बहन यमुना के घर पहुंच गए. भाई को देखकर यमुना बहुत खुश हो गईं. उन्होंने भाई के लिए ढ़ेर सारा पकवान बनाया. फिर जब वो जाने लगे तो यमुना ने उनके मस्तक पर तिलक लगाया और मिठाई खिलाई और नारियल भेंट स्‍वरूप दिया. इसके बाद यमराज ने अपनी बहन से कहा वरदान मांगने के लिए कहा. 

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जिसके जवाब में यमुना जी ने कहा कि भइया मेरे पास सब कुछ है, बस आप हर साल इस दिन मेरे घर जरूर आएं. यमराज ने तथास्‍तु बोल दिया. साथ ही यमराज ने कहा कि आज के दिन मैं ही नहीं, बल्कि जो भाई अपनी बहन के घर जाकर उससे माथे पर तिलक करवाएगा, उस भाई को यमराज लंबी उम्र का आशीर्वाद देंगे. तब से ही यह त्योहार मनाया जाने लगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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