Sheetala Ashtami 2025: पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की सप्तमी तिथि पर शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी मनाई जाती है. इसे बसौड़ा (Basoda) के नाम से भी जाना जाता है. शीतला अष्टमी का व्रत होली के आठ दिन बाद रखा जा सकता है. संतान की सलामती के लिए माएं इस व्रत को रखती हैं. माना जाता है कि पूरे मनोभाव से शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाए तो घर-परिवार में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है. इस व्रत में कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है. यहां जानिए कब है शीतला अष्टमी और व्रत के दौरान किन गलतियों से परहेज करना है जरूरी.
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शीतला अष्टमी कब है | Sheetala Ashtami Date
पंचांग के अनुसार, शीतला सप्तमी (Sheetala Saptami) का व्रत 21 मार्च, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. वहीं, चैत्र मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च, शनिवार को सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 23 मार्च, रविवार को सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा. ऐसे में शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च के दिन रखा जाएगा.
शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा की जाती है. शीतला अष्टमी से एक दिन पहले ही शीतला अष्टमी का भोग (Sheetala Ashtami Bhog) तैयार किया जाता है. अगले दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा करने के लिए पूजा के स्थान पर चौकी बनाई जाती है और उसपर माता शीतला की प्रतिमा सजाई जाती है. माता के समक्ष हल्दी, अक्षत, रोली और फूल आदि अर्पित किए जाते हैं. माता को भोग लगाया जाता है और इसके बाद शुभ मंत्रों का जाप करके पूजा संपन्न की जाती है. माएं शीतला माता से संतान की सलामती की प्रार्थना करती हैं.
व्रत रखने वाले भक्तों को शीतला अष्टमी के दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है. शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा जलाने की मनाही होती है. कहते हैं इस दिन मां को घर में चूल्हा जलाकर ताजा भोजन तैयार नहीं करना चाहिए. इस दिन बासी भोजन ही भोग में लगाया जाता है और दिनभर प्रसाद की तरह उसे ही खाया जाता है.
शीतला अष्टमी के दिन गर्म भोजन करने से भी मना किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन ठंडी चीजें ही खानी चाहिए. शीतला अष्टमी पर बासी और ठंडा भोजन ही शीतला माता को अर्पित किया जाता है और दिनभर घर के लोग भी यही बासी भोजन खाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)