Basant Panchami Bhog: मां सरस्वती को ज्ञान, विद्या और वाणी की देवी कहा जाता है. माना जाता है कि मां सरस्वती की पूजा करने पर बुद्धि और वाणी का वरदान मिलता है. धार्मिक मान्यतानुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. बसंत पंचमी को बसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी देखा जाता है. पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी की सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 फरवरी सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार 2 फरवरी के दिन ही बसंत पंचमी मनाई जाएगी. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती (Ma Saraswati) को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जा सकता है. माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने पर मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं.
Basant Panchami Wishes: सभी को भेजिए बसंत पंचमी की शुभकामनाएं, मां सरस्वती बरसाएंगी कृपा
बसंत पंचमी का भोग | Basant Panchami Bhog
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व होता है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं, पीली सजावट होती है और पीले रंग का भोग ही मां सरस्वती को लगाना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसे में आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले मीठे चावल का भोग लगा सकते हैं. इन चावल में घी, इलायची, सूखे मेवे और चीनी डालकर इन्हें बनाया जाता है. माना जाता है कि इस भोग को अर्पित करने पर जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है.
मां सरस्वती को मीठी पूरी का भोग लगाया जा सकता है. मीठी पूरी का भोग बेहद शुभ माना जाता है. इस भोग को तैयार करने के लिए आटे में चीनी, भूरा या फिर गुड़ मिलाकर आटा गूंथा जाता है और फिर पूरियां तैयार की जाती हैं. मीठी पूरी के प्रसाद को सकारात्मकता लाने वाला माना जाता है.
केसर की खीर (Kesar Kheer) को देवी-देवताओं का प्रिय भोग कहा जाता है. माना जाता है कि केसर की खीर बनाकर भोग में लगाई जाए तो मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं. इस भोग को बनाने के लिए चावल, चीनी, दूध, इलायची और सूखे मेवे के साथ केसर के छल्ले डालकर प्रसाद तैयार किया जाता है.
मां सरस्वती को गाजर की बर्फी का भोग भी लगा सकते हैं. गाजर की बर्फी को खोया, घी, दूध और गाजर डालकर पकाया जाता है. यह मीठी बर्फी भोग के पश्चात प्रसाद के रूप में भी बांटी जा सकती है.
बसंत पंचमी के भोग के लिए कद्दू की खीर भी अच्छी होती है. कद्दू की खीर को बनाने के लिए कद्दू को घिसकर दूध, चीनी, केसर और काजू-बादाम डालकर पकाया जाता है और उसके बाद भोग में लगाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)