Baidhnath temple : बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है. जिसके कारण यहां पर पूरे साल भक्तों की भीड़ बाबा के दर्शन के लिए लगी रहती है. लेकिन सावन के महीने में तो यहां पर दर्शन पूजन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ता है. आपको बता दें कि सावन के महीने में बाबा को जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ 10 किलो मीटर पहले से लग जाती है. इसलिए मंदिर के नियमों को सावन के महीने में बदल दिया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो. ऐसे में आइए जानते हैं, इस साल कब से स्पर्श पूजन बंद कर दिया जाएगा...
10 जुलाई से नहीं होगा स्पर्श पूजन
सावन के महीने में गर्भगृह में अर्घा लगा दिया जाता है. इस साल 10 जुलाई से अर्घा शुरू हो जाएगी, क्योंकि 11 जुलाई से से सावन शुरू हो रहा है. इस दौरान स्पर्श पूजन आप नहीं कर सकेंगे.
2012 में पहली बार लगी थी अर्घा
आपको बता दें कि भीड़ देखते हुए अर्घा पहली बार 2012 में बसंत पंचमी के दिन लगाया गया था. अर्घा व्यवस्था सफल रहने के बाद उसी साल से हर सावन माह में इसे लगाया जाने लगा.
भीड़ से निपटने के लिए लगती है अर्घा
सावन में भक्तों की भीड़ से निपटने के लिए गर्भगृह के बाहर अर्घा तो लगती ही है साथ ही, दो बाहरी अर्घा भी लगाए जाते हैं. यानी जो भक्त जैसे बच्चे, बूढ़े या महिलाएं लंबी कतार में लगकर गर्भगृह के दर्शन नहीं कर सकते, वे बाहरी अर्घा के माध्यम से बैद्यनाथ मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)