Apara Ekadashi 2022: अपरा एकादशी का व्रत मन को शांत कर पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है. ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी (Ekadashi 2022) को अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) करते हैं. इस बार यह व्रत 26 मई को मई को पड़ने वाला है. शास्त्रों में प्रत्येक एकादशी (Ekadashi) का अलग-अलग महत्व बताया गया है. मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत (Apara Ekadashi Vrat) के प्रभाव से जाने अनजाने में किए गए पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाता है. साथ ही व्यक्ति अकाल मृत्यु से बच जाता है. हालांकि एकादशी व्रत का नियम (Apara Ekadashi Vrat Niyam) कठिन होता है, इसलिए हर कोई इसका पालन ठीक प्रकार से नहीं कर पाता है. ऐसे में अपरा एकादशी व्रत (Apara Ekadashi Vrat 2022) को कुछ नियमों का पालन करके पुण्य प्राप्त किया जा सकता है. अगर एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) नहीं कर सकते हैं तो किन नियमों का पालन करना अच्छा माना जाता है, इसके बारे में जानते हैं.
नहीं रख सकते हैं व्रत तो अपरा एकादशी पर क्या करें | What to do on Apara Ekadashi 2022
एकादशी के दिन सुबह उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. साथ ही अपरा एकादशी के दिन बिना लहसुन-प्याज का भोजन ग्रहण करें. संभव हो तो दिन के भोजन में रोटी खाएं.
एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद ओम् नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का कम से कम 27 बार जाप कर सकते हैं. अगर इस दिन विधि-वाधान से श्रीहरि की पूजा नहीं कर सकते हैं तो मन ही मन भगवान विष्णु का स्मरण कर सकते हैं.
एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु की साधारण पूजा करने में सक्षम हैं तो प्रभु का ध्यान करते हुए पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने दीपक जलाएं. साथ ही भगवान को पीले फूल, अक्षत, पीले चंदन, धूप और भोग अर्पित करें.
भगवान विष्णु की साधारण पूजा के बाद भी व्रत कथा का पाठ किया जा सकता है. कथा के अलावा भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. कथा समाप्ति के बाद आरती करें. साथ ही भगवान को लगाया हुआ भोग घर के अन्य सदस्यों को दें.
एकादशी के दिन झूठ बोलना, दूसरों की निंदा करना, चुगली करना इत्यादि काम नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में इस दिन निंदनीय कार्यों से बचना चाहिए.
अपरा एकादशी के दिन नहीं किए जाते हैं ये काम | What not do on Apara Ekadashi 2022
एकदशी व्रत के नियम के मुताबिक इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए. साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी चावन खाने से परहेज करना चाहिए.
एकादशी व्रत का नियम एक दिन पहले से शुरू हो जाता है. ऐसे में दशमी और एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए कहा जाता है. मान्यता है कि ऐसा ना करने पर व्रत का फल व्यर्थ हो जाता है.
एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से मना किया जाता है. कहा जाता है कि एकादशी का व्रत करने वालों को पीला वस्त्र धारण करना चाहिए.
एकादशी के दिन मांस और मदीरा का सेवन करना निषेध माना गया है. ऐसे में व्रती इस बाद का विशेष ध्यान रखते हैं.
एकादशी के दिन गुस्सा करना और कमजोर व्यक्ति को सताना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)