Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी के दिन क्‍यों हाथ में बांधते हैं 14 गांठ, जानें इन गांठों का रहस्य

Anant Chaturdashi 2021: अनंत चौदस पर हरिपूजन की परंपरा है जिसके बाद चौदह गांठ वाला एक धागा हाथ में बांधा जाता है. वैसे ये पूजन किसी पर्व की तरह नहीं किया जाता. जो लोग इस परंपरा को मानते चले आ रहे हैं वो अपने घरों पर ये पूजा करते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
अनंत चौदस पर हरिपूजन की परंपरा है जिसके बाद चौदह गांठ वाला एक धागा हाथ में बांधा जाता है.
नई द‍िल्‍ली:

Anant Chaturdashi 2021 : गणेश चतुर्थी के बाद से पूरे दस दिन गणपति पूजा होती है. अधिकांश लोग अनंत चौदस या अनंत चतुर्दशी तक गणपति की स्थापना करते हैं और फिर विसर्जन. जिस दिन बप्पा विसर्जित होते हैं वो दिन हरि को याद करने का दिन भी होता है. यानि उस दिन खासतौर से भगवान विष्णु की पूजा होती है. पूजा करने वाले स्त्री और पुरुष हाथ में एक खास डोरी बांधते हैं. इस डोरी को अनंत डोर भी कहा जाता है. इस डोर की खासियत ये होती है कि इस पर चौदह गठानें बंधी होती हैं, जिनका अपना अलग महत्व होता है. क्या है वो खास महत्व चलिए जानते हैं.

चौदह गांठ का रहस्य

अनंत चौदस पर हरिपूजन की परंपरा है जिसके बाद चौदह गांठ वाला एक धागा हाथ में बांधा जाता है. वैसे ये पूजन किसी पर्व की तरह नहीं किया जाता. जो लोग इस परंपरा को मानते चले आ रहे हैं वो अपने घरों पर ये पूजा करते हैं और अमृत डोर कलाई पर बांधते हैं. डोर में बंधी चौदह गांठ अलग-अलग लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि जो पूरे चौदह साल तक सभी नियम से पूजा पाठ करके चौदह गांठ वाला सूत्र बांधता है उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

अनंत डोर पहनने के नियम

इस डोर को पहनने के नियम भी अलग हैं. आमतौर पर पूजा के बाद जो रक्षा सूत्र हाथ पर बांधा जाता है. उससे इतर ये डोर सिर्फ रेशम से ही बनती है. जिसे पुरुष अपने दाहिने हाथ पर बांधते हैं और महिलाएं बाएं हाथ पर बांधती हैं. इस डोर को पूजा के बाद ही बांधा जाता है. अनंत डोर बांधने वाले अधिकांशतः दिन भर उपवास भी रखते हैं.

अनंत चौदस पूजन की पौराणिक मान्यता

इस उपवास और पूजन को करने का चलन महाभारत के समय से माना जा रहा है. महाभारत में कौरव पांडवों के बीच द्यूत क्रीड़ा हुई. जिसमें पांडव अपना सब कुछ हार गए. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने उन्हें उस वक्त अनंत चौदस का उपवास रख अनंत डोर धारण करने का सुझाव दिया. मान्यता है कि उसके बाद से ही अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाने लगा. जिसकी महिमा से पांडवों को सब कुछ वापस मिला.

Featured Video Of The Day
Manali Floods: Himachal में मौसम की मार! जानलेवा Landslides और डूबते शहर | Dekh Raha Hai India