Akshaya Tritiya 2025: एस्ट्रोलॉजर से जानिए अक्षय तृतीया पर विवाह करना कितना शुभ है?

आइए जानते हैं ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी से आखिर अक्षय तृतीया पर विवाह के बंधन में बंधना कितना शुभ होता है...

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ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी बताते हैं कि अक्षय तृतीया एक अक्षय और अखंड मुहूर्त की तिथि के रूप में जाना जाता है.

Akshaya Tritiya tithi 2025 : अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. इस तिथि पर किए गए शुभ काम विशेष फलदायी होते हैं. अक्षय तृतीया पर नए काम की शुरूआत, सोना और चांदी खरीदना अच्छा माना जाता है. मान्यता है इस दिन किसी तरह का मांगलिक कार्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि अक्षय तृतीया का दिन विवाह के लिए बहुत शुभ होता है. इसलिए इस तिथि पर सबसे ज्यादा लोग विवाह के बंधन में बंधते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी से आखिर अक्षय तृतीया पर विवाह के बंधन में बंधना कितना शुभ होता है...

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अक्षय तृतीया के दिन विवाह करना क्यों है शुभ

ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी बताते हैं कि अक्षय तृतीया एक अक्षय और अखंड मुहूर्त की तिथि के रूप में जाना जाता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए किसी प्रकार के मुहूर्त की गणना की जरूरत नहीं होती है.अक्षय तृतीया के दिन पूरा दिन विशेष करके गोधूलि बेला का जो समय है, जिसको हम प्रदोष काल कहते हैं, इसकी अद्भुत मुहूर्त में गणना होती है. अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने के लिए किसी भी प्रकार के मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है.

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पौराणिक मान्यता है कि गृहस्थ जीवन में सबसे पूजनीय मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ का पहला मिलन अक्षय तृतीया की तिथि में ही हुआ था और मां ने अन्नपूर्णा रूप में पहली बार भगवान शिव को भोजन कराके तृप्त किया था. अक्षय तृतीया की तिथि शिव और शक्ति प्रधान है. 

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राकेश चतुर्वेदी आगे बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन अक्षय मुहूर्त होने से पूरे दिन या संध्या बेला में किसी भी समय अगर विवाह करते हैं, तो वैवाहिक जीवन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है और कहते हैं कि इस दिन मां भगवती जगदंबा और शिव को साक्षी मानकर जो विवाह किया जाता है वह अक्षय होता है यानी की अटूट होता है. 

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कब है अक्षय तृतीया - when is akshaya tritiya 2025

इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 दिन बुधवार को है. तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर हो जाएगी, जिसका समापन 30 अप्रैल दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदयतिथि के अनुसार 30 अप्रैल को ही अक्षय तृतीया मान्य होगी. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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