कब है भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का खास दिन अक्षय तृतीया, जानिए पूजा और सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

Akshaya Tritiya 2025: वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज मनाया जाता है. मान्यता है अक्षय तृतीया को किए गए शुभ कार्यों के फल अक्षय रहते हैं और वे कभी समाप्त नहीं होते हैं.

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भगवान विष्णु के प्रिय माह वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज मनाया जाता है.

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया या आखा तीज का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है. इस दिन को बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है. भगवान विष्णु के प्रिय माह वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज मनाया जाता है. मान्यता है अक्षय तृतीया को किए गए शुभ कार्यों के फल अक्षय रहते हैं और वे कभी समाप्त नहीं होते हैं. अक्षय तृतीया को अबूझ मूहुर्त रहता है और यह दिन शुभ व मांगलिग कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और सोना जैसे मूल्यवान धातु की खरीदारी की जाती है. अक्षय तृतीया नए कार्यों की शुरुआत, विवाह, गृह प्रवेश और सोना-चांदी जैसी चीजों की खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती है. आइए जानते हैं इस बार  किस दिन मनाई जाएगी आखा तीज या अक्षय तृतीया (Kab Hai Akshaya Tritiya 2025) और अक्षय तृतीया को भगवान श्री हरिविष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा (Akshaya Tritiya Par Kab Kare Puja ) और सोने की खरीदारी का मुहूर्त (Akshaya Tritiya Par Kab Kharide Sona).

अक्षय तृतीया पर न खरीदें ये चीजें, जान‍िए क्‍यों इन्‍हें खरीदना माना जाता है अशुभ

अक्षय तृतीया की तिथि ( Date of Akshaya Tritiya 2025)

इस वर्ष  वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल मंगलवार को शाम 5 बजकर 31 मिनट शुरू होगी और 30 अप्रैल बुधवार को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट तक रहेगी. इस 30 अप्रैल बुधवार को वर्ष अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाएगा.

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और पूजन का शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat for puja and buying gold on Akshaya Tritiya)

अक्षय तृतीया का दिन सोना जैसे मूल्यवान धातु खरीदने के लिए शुभ माना जाता है. इस बार आखा तीज को  सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ समय प्रात:काल 5 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर के 2 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. वहीं की पूजा का मुहूर्त प्रात:काल  5 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 18 मिनट तक सबसे शुभ रहेगा है.

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अक्षय तृतीया का महत्व (Significance of Akshaya Tritiya 2025)

अक्षय तृतीया को वर्ष का सबसे शुभ दिन माना जाता है और इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का बहुत महत्व है होता है.  भक्त भगवान विष्णु और देवी  लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं. कई घरों में विशेष हवन और दान-पुण्य भी किए जाते हैं.  अक्षय तृतीया के दिन परंपरागत रूप से सोना की खरीदारी की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से भविष्य में धन और समृद्धि में वृद्धि का योग बनाती है

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आखा तीज पूजा के लिए आवश्यक सामग्री (Puja Samagri of Akshaya Tritiya)

अक्षय तृतीया की पूजा पूरे विधि विधान से करना चाहिए और इसके लिए इन पूजा सामग्रियों की जरूरत होती है

रोली, अक्षत , गुलाब, कमल, चमेली के फूल, धूप, दीप, नैवेद्य के लिए मिठाई, फल, खीर या जौ का सत्तू, तुलसी दल, पीला चंदन, गंगाजल

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आखा तीज की पूजा विधि (Puja Vidhi of Akshaya Tritiya)

अक्षय तृतीया की के लिए स्नान के स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा की तैयार करें

हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर अक्षय तृतीया की पूजा का संकल्प करें

पूजा के लिए प्रभु लक्ष्मी नारायण का ध्यान करते हुए उनका आह्वान करें.

पंचामृत से प्रभु श्री हरि और देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें.

गंगाजल से लक्ष्मी नारायण को स्नान कराएं.

प्रभु और देवी को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें और उनका शृंगार करें

प्रभु श्री हरि को पीला चंदन और देवी लक्ष्मी को कुमकुम का तिलक लगाएं.

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पर उनके प्रिय पुष्प चढ़ाएं.

धूप और दीप जलाएं।

में तुलसी दल के साथ सत्तू, खीर, मिठाई और ऋतु फल का भोग लगाएं.

इन मंत्रों का करें जाप

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"

 "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमो नमः" का जाप करें.

आरती करें और पूजा में हुई भूल-चूक के लिए माफी मांगने के बाद प्रसाद बांटे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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