Vastu: वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर वास्तु का असर होता है. घर और उसमें रखी जाने वाली वस्तुएं अगर वास्तु के अनुरूप है तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वहीं अगर घर में वास्तु (Vastu) से संबंधित किसी प्रकार का दोष है तो वहां बहुत सारी परेशानियां पैदा होने लगती हैं. घर में मंदिर (Home Temple) का खास महत्व है, लेकिन उससे भी कहीं अधिक महत्व पूजा स्थल पर जलाने वाला दीपक (Deepak) का है. वास्तु में इसके जुड़े खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि पूजा स्थान (Worship Place) पर दीपक किस दिशा में रखना चाहिए.
दीपक का महत्व | Importance of Deepak
घर में देवी-देवताओं की पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें दीपक, धूप, कलश इत्यादि सही दिशा में नहीं रखने से सकारात्मक ऊर्जा में कमी होने लगती है. साथ ही पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता. वास्तु के अनुसार पूजा स्थल पर दीपक की लौ किस दिशा में है, इस बात का भी ध्यान रखने की जरुरत होती है. अगर इस बात का ख्यान नहीं रखा जाता है तो घर से सुख-शांति चली जाती है.
किस दिशा में रखें दीपक | In which direction should the lamp be placed
पूरब- वास्तु के अनुसार, पूजा स्थान पर पूरब दिशा में दीपक की लौ का होना अत्यंत शुभ होता है. कहा जाता है कि इस दिशा में दीपक जलाने से पूजा करने वाले की उम्र लंबी होती है.
पश्चिम- वास्तु शास्त्र के मुताबिक पश्चिम दिशा में दीपक की लौ होने से कई प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती है. इस दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है.
उत्तर- पूजा स्थान पर इस दिशा में दीपक की लौ का होना भी शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में दीपक जलाने से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है.
दक्षिण- वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के दौरान इस दिशा में कभी भी दीपक की लौ नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि इस दिशा में दीपक की लौ होने से धन की कमी होने लगती है. इस दिशा में यमराज का वास होता है.
दीपक मंत्र (Deepak Mantra)
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)