फास्टैग की नई स्कीम Explainer: 3000 का सालाना पास कैसे करेगा काम, कितनी बचत, समझें हर बात

FASTag annual pass Scheme: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फास्टैग के सालाना पास की स्कीम का ऐलान किया है. आइए समझते हैं कि यह स्कीम क्या है, इसकी शर्तें क्या हैं, असल में इसका फायदा किसको होगा, कितना फायदा होगा. सभी जरूरी सवाल उदाहरण के साथ समझें.

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फास्टैग की नई स्कीम Explainer: 3000 का सालाना पास कैसे करेगा काम, कितनी बचत, समझें हर बात
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  • केंद्र ने प्राइवेट वाहन चालकों के लिए सालाना फास्टैग पास की घोषणा की है.
  • यह पास 3000 रुपये का होगा, साल भर में 200 टोल ट्रिप के लिए वैध रहेगा.
  • फास्टैग पास 15 अगस्त से प्रभावी होगा, आवेदन वेबसाइट पर किया जा सकेगा.
  • यह पास केवल NHAI के राष्ट्रीय हाइवे पर मान्य होगा, स्टेट हाइवे पर नहीं.
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नई दिल्ली:

देशभर के नेशनल हाइवे पर फास्टैग इस्तेमाल करने वालों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब प्राइवेट वाहन चालक चाहें तो पूरे साल का स्पेशल पास बनवा सकते हैं और हाइवे पर सफर को सुगम बना सकते हैं. आइए समझते हैं कि यह स्कीम क्या है, इसकी शर्तें क्या हैं, असल में इसका फायदा किसको होगा, कितना फायदा होगा. सभी जरूरी सवाल उदाहरण के साथ समझाएंगे.

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर फास्टैग पास स्कीम का ऐलान किया. उन्होंने इसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध और परेशानी मुक्त यात्रा की दिशा में परिवर्तनकारी कदम करार दिया. इस पास की फीस, अवधि, दूरी और अन्य शर्तों की भी जानकारी दी. इससे मेट्रो शहरों में रोज दफ्तर आने-जाने वालों को बार-बार टोल टैक्स देने के लिए टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में लगने से छुटकारा मिल सकता है. 

सबसे पहले, इस सालाना पास के प्रमुख फायदे और विशेषताएं जान लीजिए-

  • फीस: सालाना पास 3000 रुपये का होगा.
  • अवधि: एक साल में 200 ट्रिप के लिए वैध
  • दूरी: 60 किमी के अंदर मौजूद टोल पर लागू
  • कवरेज: सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर फायदा 
  • पात्रता: केवल प्राइवेट गैर वाणिज्यिक वाहनों के लिए
  • मकसद: टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय, भीड़ घटाना

सवाल - यह पास कब से लागू होगा और इसे कैसे ले सकते हैं?

जवाब - प्राइवेट गाड़ियों के लिए यह पास 15 अगस्त से प्रभावी होगा. इसे राजमार्ग यात्रा ऐप, NHAI की वेबसाइट और परिवहन मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्टिव और रिन्यू किया जा सकेगा. इसके लिए जल्द ही एक लिंक का विकल्प मिलेगा.

सवाल - 200 ट्रिप का क्या मतलब है?

जवाब - केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर एक बयान में बताया कि फास्टैग सालाना पास के तहत एक ट्रिप का मतलब एक टोल को क्रॉस करना होगा. इस तरह एक सालाना पास से एक साल के अंदर 200 टोल प्लाजा पर निर्बाध आवागमन किया जा सकेगा. 

सवाल - टोल फीस में कितना फायदा होगा?

जवाब - अभी टोल प्लाजा पर अलग-अलग टैक्स लगता है, जैसे किसी पर 50 रुपये, किसी पर 80 तो किसी पर 100 रुपये है. लेकिन केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, इस पास के जरिए औसत टोल टैक्स महज 15 रुपये पड़ेगा. गडकरी ने कहा कि तीन हजार रुपये का जो पास है, अगर उसके टोल का पूरा भुगतान किया जाए तो यह 10 हजार रुपये से ज्यादा बैठेगा. उदाहरण के लिए अगर एक टोल पर औसत 50 रुपये भी टोल देते हैं तो 200 प्लाजा के हिसाब से 10 हजार रुपये का कुल टोल हुआ. लेकिन इस पास के जरिए महज 3 हजार रुपये में 200 टोल पर सफर किया जा सकेगा.

सवाल - क्या ये देश में सभी हाइवे पर लागू होगा?

जवाब - फास्टैग सालाना पास का फायदा देश में मौजूद NHAI के सभी हाइवे पर मिलेगा. ध्यान देने की बात ये है कि ये पास सिर्फ नेशनल हाइवे के लिए है, स्टेट हाइवे या फिर लोकल टोल प्लाजा पर काम नहीं करेगा. NHAI के अधीन एक्सप्रेसवे पर भी ये लागू होगा.

सवाल - यह सालाना पास कैसे काम करेगा?

जवाब - यह पास RFID तकनीक पर काम करने वाले मौजूदा फास्टैग सिस्टम से जुड़ा होगा. फास्टैग में पहले सालाना पास एक्टिव करना होगा. उसके बाद गाड़ियां जब 60 किमी के अंदर टोल प्लाजा पर पहुचेंगी तो टोल गेट अपने आप खुल जाएंगे.

सवाल- सालाना पास में 60 किमी का क्या नियम है?

जवाब - ये पास 60 किलोमीटर के दायरे में हाइवे पर जो भी टोल प्लाजा होंगे, उन पर काम करेगा. इसका फायदा खासतौर से छोटी दूरी की यात्रा करने वालों को होगा. रोज एक ही रास्ते से ऑफिस या अन्य कार्यों के लिए सफर करने वालों को बार-बार टोल चुकाने के लिए नहीं रुकना होगा.

सवाल - इस पास को शुरू करने का क्या मकसद है?

जवाब - इस पास का मकसद टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम करना, फास्टैग संबंधी विवादों को घटाना, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और हाइवे पर सफर को सुगम बनाना है. यह पास राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध और किफायती यात्रा सुनिश्चित करेगा. 

सवाल- टोल सिस्टम में सुधार के और क्या उपाय किए जा रहे हैं?

जवाब - सरकार बैरियर लेस टोलिंग सिस्टम पर काम कर रही है. इसमें ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और FASTag का उपयोग किया जाएगा. चुनिंदा हाइवे और एक्सप्रेसवे पर इसका ट्रायल चल रहा है. इसमें वाहनों की नंबर प्लेट को पहचानकर अपने आप ही टोल काट लिया जाएगा. 

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