दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission For Women) ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाहरी दिल्ली के किराड़ी में रहने वाली एक महिला को उसके ससुराल वालों ने इस साल जनवरी में कथित तौर पर तेजाब पीने के लिए मजबूर किया और पुलिस इस घटना के सिलिसले में छह महीने तक मामला दर्ज करने में नाकाम रही. आयोग ने कहा कि महिला का यहां एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मामला तब सामने आया जब पीड़िता के भाई ने 20 जुलाई को डीसीडब्ल्यू हेल्पलाइन नम्बर 181 पर कॉल कर मदद मांगी. उसने आयोग को बताया कि इस मामले में अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने कहा, "मामले की जानकारी मिलते ही डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और सदस्य प्रमिला गुप्ता ने अस्पताल में पीड़िता से मुलाकात की. महिला की हालत गंभीर है और उसका शरीर बहुत कमजोर हो गया है." डीसीडब्ल्यू की टीम ने महिला का बयान उप मंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के समक्ष दर्ज कराया.
डीसीडब्ल्यू ने कहा कि पुलिस ने बाद में मामले में प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन इसमें तेजाब हमले की धारा नहीं जोड़ी. पैनल ने कहा कि मालीवाल ने पुलिस को नोटिस जारी किया है और उनसे मामले में आईपीसी की धारा 326ए (तेजाब हमला के लिए सजा) जोड़ने को कहा है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली महिला आयोग पीड़िता की कानूनी लड़ाई में मदद करेगा और आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा.