सोमवार को जब सारी दुनिया दीवाली की खुशियां मना रही थी, और सभी के घर रोशनियों से सजे थे, दिल्ली में एक घर खाक हो गया. वंदना वर्मा अपने पति और पुत्र के साथ शाम को अपने एक रिश्तेदार के घर चले गए थे, और उसी दौरान एक उड़ता हुआ रॉकेट (पटाखा) बालकनी के रास्ते उनके घर में घुस गया, और आग लग गई, जिसने सब कुछ तबाह कर डाला.
जब तक वंदना और उनका परिवार द्वारका स्थित अपने दो-बेडरूम वाले घर में लौटा, फायरब्रिगेड आग बुझा चुकी थी, लेकिन तब तक घर और घर की हर चीज़, कपड़ों और उपकरणों समेत, राख के ढेर में तब्दील हो चुकी थी.
NDTV से बात करते हुए वंदना ने अपने फोन पर घर की सजावट की तस्वीरें भी दिखाईं और कहा, "दीवाली हमारे लिए बेहद अहम त्योहार है... मैंने फूलों से रंगोली बनाई थी... बस, अपने घर पर दीवाली पूजन करने के लिए लौटे, और..."
वंदना और उनके पति ने यह घर अपने विवाह के एक साल बाद खरीदा था. वंदना ने आग में जल चुकी अपने बेटे की स्टडी टेबल के अवशेष भी दिखाए, जिसकी सारी किताबें-कॉपियां आग की भेंट चढ़ चुकी हैं. इस वक्त तो परिवार के पास जो कपड़े पहने हैं, उनके अलावा पोशाकें भी नहीं बची हैं.
रुंआसी वंदना ने रूंधे गले से बताया, "हमने तो जो भी ज़िन्दगी इस घर में 13 साल में धीरे-धीरे जोड़ी थी, सब कुछ तबाह हो गया है... हमारा कम्प्यूटर, पियानो, एसी, इन्वर्टर, TV, फ्रिज, लैपटॉप - सब कुछ गया... आज का दिन बेहद झटका देने वाला रहा..." आग की वजह से घर का फर्श, छत और दीवारें भी बरबाद हो गई हैं.
वंदना ने कहा, "परमात्मा की कृपा रही कि पड़ोसियों को आग से कोई नुकसान नहीं हुआ... मैं सरकार से अपील करती हूं कि पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाए... मैं लोगो से भी अनुरोध करती हूं कि पटाखे चलाना बंद कर दें... यह काफी घना इलाका है... एक चिंगारी भी बेहद खतरनाक हो सकती है... और यहां किसी ने रॉकेट चलाया..."
गौरतलब है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है, क्योंकि समूचा शहर प्रदूषण से जूझ रहा है, और इसी वजह से इन दिनों दिल्ली की हवा में सांस लेना भी दूभर हो चुका है. लेकिन हर साल की तरह इस बार भी हज़ारों दिल्लीवासियों ने पाबंदी को धता बताते हुए दीवाली की रात ढेरों पटाखे जलाए. दिल्ली के अग्निशमन विभाग को दीवाली की रात आग संबंधी 201 कॉल आईं, जो पिछले साल की तुलना में 32 फीसदी ज़्यादा हैं.