IAS Central एसोसिएशन के जनरल बॉडी की बैठक में 18 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव हुआ. दिल्ली में रविवार को हुए चुनाव में 1989 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS एस कृष्णन को अध्यक्ष चुना गया. जबकि उपाध्यक्ष पद पर 1992 बैच के IAS श्रीराम तरणीकांत और 1996 बैच के यूटी कैडर के ए अमबरासू चुने गए. इस मौक़े पर अध्यक्ष कृष्णन ने कहा कि नए आईएएस अधिकारी में नैतिकता और संस्थान के मूल्यों के साथ काम करने का माहौल बनाने में एसोसिएशन सक्रिय भूमिका निभाएगा..
वहीं सचिव के पद पर 2005 बैच के UT कैडर के कुणाल, कोषाध्यक्ष पद पर उप्र कैडर की 2009 बैच की आईएएस अदिती सिंह, संयुक्त सचिव पद पर चिन्मय गोटेमोरे और शैलेश नवल, सेवानिवृत्त सदस्य संजय बंधोपध्याय और संजय भूसारेड्डी, सदस्य जी थारा, राहुल सिंह, प्रसन्ना, नितिन खेड़े,दिनेश कुमार, रोहन चंद ठाकुर, शाह फैसल और नवीन कुमार बनाए गए.
कभी इतना पावरफुल हुआ करता था ये संगठन
एक जमाने में यूपी में IAS अधिकारियों का संगठन के पास अपार शक्ति थी. आपसी मतभेदों के बावजूद एसोसिएशन बड़े-बड़े फैसले कर चुका है. जब भी किसी सहयोगी IAS अफसर पर मुसीबत आई, सबने मिल कर संघर्ष किया. हर साल अफ़सरों की एक बड़ी बैठक लखनऊ में होती थी. इसे "IAS वीक" कहा जाता है. तीन या चार दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में खेल और संगीत से लेकर गंभीर विषयों पर चर्चा होती थी. पर ये सब अब अतीत में समा गया है.
केजरीवाल सरकार और IAS एसोसिएशन में रहे हैं तल्ख़ संबंध
अरविंद केजरीवाल सरकार के वक्त आईएएस अधिकारियों ने सामूहिक छुट्टी ले लिया था. जिससे कामकाज प्रभावित हो गया था. इसके बाद केजरीवाल ने अधिकारियों को अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए आश्वस्त किया था कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा था, ‘‘मुझे बताया गया कि आईएएस आफिसर्स एसोसिएशन ने आज प्रेस कांफ्रेंस में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहूंगा कि मेरे पास जितने अधिकार हैं उसके साथ मैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा. यह मेरा कर्तव्य है.''