दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में फार्मा-ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़, सप्लायर, मिडिलमैन, MR सहित 5 गिरफ्तार

दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस इलाके में ड्रग्स की डिलीवरी होने की गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने यूनिवर्सिटी रोड, श्रीराम इंस्टिट्यूट के पास से एक बड़े गिरोह को पकड़ा है.

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एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की गिरफ्त में तस्कर.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने नॉर्थ दिल्ली में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फार्मास्यूटिकल ड्रग्स की तस्करी करने वाले गिरोह (Pharma-Drugs Syndicate in Delhi) का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जो ट्रामाडोल कैप्सूल और कोडीन सिरप की अवैध सप्लाई में शामिल थे. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 2,360 ट्रामाडोल  कैप्सूल और 135 बोतल कोडीन  सिरप जब्त की हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग एक लाख रुपये आंकी गई है.

ऑपरेशन की शुरुआत और गिरफ्तारी

ANTF टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स नॉर्थ कैंपस इलाके में ड्रग्स की डिलीवरी देने आने वाला है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने यूनिवर्सिटी रोड, श्रीराम इंस्टिट्यूट के पास जाल बिछाया और 26 साल मनीष भाटले को पकड़ा. उसके पास मौजूद दो प्लास्टिक के बोरों से 2,360 ट्रामाडोल कैप्सूल और 120 बोतल कोडीन सिरप बरामद की गईं. ड्रग इंस्पेक्टर की पुष्टि के बाद ड्रग्स को अवैध घोषित कर केस दर्ज किया गया.

पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

मनीष की पूछताछ में पता चला कि वह ये दवाएं अपने मामा देवेंद्र (मालिक - अभिषेक मेडिकोज, मलका गंज) से लेकर आया था. देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद उसके खुलासे पर निखिल उर्फ गुन्नू नामक युवक को गिरफ्तार किया गया, जो ड्रग्स की सप्लाई में मिडिलमैन की भूमिका निभा रहा था.

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थोक सप्लायर और मेडिकल प्रतिनिधि भी गिरफ्तार

निखिल ने बताया कि उसे यह ट्रामाडोल की खेप अंकित गुप्ता (मालिक - रवि मेडिकेयर, जी.टी. करनाल रोड) से मिली थी. पुलिस ने अंकित के गोदाम पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया और वहां से 15 बोतल डाएलेक्स डीसी सिरप भी बरामद किए गए. अंकित ने आगे खुलासा किया कि उसे ये ड्रग्स कपिल नामक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने दी थीं. कपिल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने बताया कि उसे यह दवाएं राकेश नामक व्यक्ति से मिली थीं, जो फिलहाल फरार है.

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गिरफ्तार ड्रग्स तस्करी गैंग के आरोपियों के नाम और भूमिका

  1. मनीष भाटले – सप्लायर, ड्रग्स लेकर नॉर्थ कैंपस में पहुंचा.
  2. देवेंद्र – मनीष का मामा, मेडिकल स्टोर मालिक, ट्रामाडोल और कोडीन का मुख्य स्रोत.
  3. निखिल उर्फ गुन्नू – मिडिलमैन, ट्रामाडोल का आदी.
  4. अंकित गुप्ता  – थोक विक्रेता, रवि मेडिकेयर का मालिक.
  5. कपिल  – मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, जिसने अपने नेटवर्क का दुरुपयोग कर ड्रग्स की व्यवस्था की.

ड्रग्स तस्करों से जब्त सामग्री

  • 2,360 ट्रामाडोल कैप्सूल
  • 135 कोडीन युक्त सिरप की बोतलें
  • 5 मोबाइल फोन

पुलिस का ‘टॉप-टू-बॉटम' और ‘बॉटम-टू-टॉप' अप्रोच

इस ऑपरेशन में पुलिस ने ड्रग्स सप्लाई चेन के ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक के पूरे नेटवर्क को उजागर करने का प्रयास किया है. यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस के ‘जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत “नशा मुक्त भारत अभियान” को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है.

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इस ऑपरेशन की निगरानी विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त सुरेंद्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मंगेश कश्यप एवं डीसीपी ANTF (क्राइम) अपूर्वा गुप्ता (IPS) द्वारा की गई. फिलहाल आगे की जांच जारी है और पुलिस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े अन्य तारों को खंगाल रही है.

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