उमर का वीडियो कैसे हाथ आया, भाई के डर ने एजेंसियों को दिला दिया ये अहम सबूत

दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों को उमर का वीडियो हाथ लगा है. इस वीडियो में वह सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी करता दिखाई दे रहा है. उमर का ये वीडियो जांच एजेंसियों तक कैसे पहुंचा, इसकी कहानी भी दिलचस्प है.

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  • दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में उमर का सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी करता वीडियो सुरक्षा एजेंसियों को मिला है
  • उमर ने ब्लास्ट से पहले पुलवामा में वीडियो रिकॉर्ड किया था और फोन वापस भाई को दिया था
  • उमर के भाई ने गिरफ्तारी से डरकर फोन तालाब में फेंक दिया था, जो बाद में बरामद हुआ
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दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों को उमर का वीडियो हाथ लगा है. इस वीडियो में वह सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी करता दिखाई दे रहा है. ऐसे में जांच एजेंसियों को यकीन हो गया है कि दिल्ली बम धमाके को आतंकी डॉक्टरों ने किसी हड़बड़ी में अंजाम नहीं दिया था. ये बेहद सोची समझी और खतरनाक इरादों के साथ बुनी गई आतंकी साजिश थी. लेकिन उमर का ये वीडियो जांच एजेंसियों तक कैसे पहुंचा, कैसे उसके भाई की एक गलती से ये अहम सबूत हाथ लगा, इसकी कहानी भी दिलचस्प है.

भाई की गलती, जांच एजेंसियों का मिला अहम सबूत

कार ब्लास्ट में फिदायीन हमला करने वाले डॉक्टर उमर ने ब्लास्ट से एक हफ्ते पहले ये वीडियो अपने होम टाउन पुलवामा में रिकॉर्ड किया था. लेकिन ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए उमर वापस फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी आता है, लेकिन आने से पहले वह अपना फोन भाई के हाथ सुपुर्द करता है, ध्यान रखिए इसी फोन में उमर का रिकॉर्डेड वीडियो था. 

गिरफ्तारियां हुईं तो डर गया उमर का भाई

कार ब्लास्ट से पहले और बाद में डॉ. मुज़म्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. अदील की गिरफ्तार होने लगीं, तो उमर का भाई घबरा गया. उसे डर था कि कहीं वह भी इस मामले में न फंस जाए. इसी डर से, उसने उमर का फोन घर के पास एक तालाब में फेंक कर नष्ट कर दिया.

एजेंसियों को हुआ शक

जांच के दौरान, सुरक्षा एजेंसियों ने उमर के दोनों फोन की लोकेशन ट्रेस की. एक फोन की आखिरी लोकेशन शोपियां थी. दूसरे फोन की आखिरी लोकेशन दिल्ली थी. दोनों फोन एक ही समय पर बंद हुए थे. इस असामान्य गतिविधि ने एजेंसियों के मन में शक पैदा किया और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी.

भाई ने खोला राज़, तालाब से मिला वीडियो

एजेंसियों के उमर के भाई से सख्ती से पूछताछ करने से वो टूट गया और उसने फोन के ठिकाने का खुलासा कर दिया. एजेंसियों ने तुरंत तालाब से उस फोन को बरामद कर लिया. फोन के डेटा को स्कैन करने पर उन्हें उमर का वीडियो मिल गया.

पुलवाला हमले के आतंकी जैसा वीडियो

जांच के मुताबिक, उमर का इस वीडियो के अंदर कंटेंट और टोन पुलवामा हमले के आतंकवादी आदिल डार के रिकॉर्ड वीडियो से काफी मिलता-जुलता है. वीडियो में अंतर केवल इतना था कि आदिल डार स्कूल ड्रॉपआउट था, जबकि उमर-उन-नबी एक डॉक्टर था.

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