चांदनी चौक में दो दिनों तक कैसे कम हुआ पॉल्यूशन, यहां जानें

जब देश की राजधानी दिल्ली बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से परेशान है, तब अगर किसी इलाके की आबोहवा सुधर जाए तो उससे सुकूनभरा लोगों के लिए क्या ही हो सकता है. दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में कैसे पॉल्यूशन कम हुआ, यहां जानिए. (तनुष्का दत्ता की रिपोर्ट)

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दिल्ली के चांदनी चौक इलाके की हवा में सुधार
नई दिल्ली:

दिल्ली का चांदनी चौक, अपनी छोटी-छोटी गलियों और बाजार के लिए काफी मशहूर है. यहां की छोटी और तंग गलियों में लोग जमकर खरीददारी करते देखे जा सकते हैं. इसलिए इस इलाके में खूब भीड़ भी होती है. सोमवार और मंगलवार के दिन चांदनी चौक का इलाका उन जगहों में से एक रहा, जहां राजधानी में सबसे कम प्रदूषण हुआ. गौर करने वाली बात ये भी है कि दिल्ली की आबोहवा पिछले दिनों इतनी जहरीली हुई कि एक्यूआई खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा था. हालांकि अब हवा पहले से साफ हुई है, लेकिन इसमें अभी भी सुधार की बहुत गुंजाइश है.

चांदनी चौक में कम एक्यूआई

दिल्ली के सबसे पुराने और बिजी बाजारों में से एक और पर्यटन केंद्र चांदनी चौक में सोमवार सुबह 8 बजे AQI 186 दर्ज किया गया. यह जानकारी IITM की तरफ से दी गई. जिसने इस क्षेत्र में एक निगरानी स्टेशन स्थापित किया है. मंगलवार को दिन में AQI 250-270 के बीच रहा, जो कि खराब श्रेणी में आता है. हालांकि, इस दौरान शहर के अन्य इलाकों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में ही रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को शाम 4 बजे शादीपुर में AQI 324, आनंद विहार में 311 और मुंडका में 310 दर्ज किया गया. 

नॉन मोटराइजिड जोन बनने से कम हुआ प्रदूषण

कुल मिलाकर, राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को 285, सोमवार को 280 और मंगलवार को 268 AQI दर्ज किया गया. अधिकारियों और एक्सपर्ट्स ने कहा कि चांदनी चौक में अपेक्षाकृत कम AQI के पीछे मुख्य कारण क्षेत्र में मोटर वाहनों का होना है. 2021 में, दिल्ली परिवहन विभाग ने उस क्षेत्र को नॉन मोटराइजिड जोन बनाया था. जिसके अनुसार, लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक मुख्य चांदनी चौक रोड पर सभी दिनों में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक किसी भी मोटर वाहन को चलने की अनुमति नहीं होगी. केवल साइकिल रिक्शा की अनुमति है. हालांकि, आपात स्थिति के मामले में प्रतिबंध लागू नहीं होंगे.

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अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात मुख्यालय) सत्यवीर कटारा ने कहा, "चांदनी चौक में वाहनों पर प्रतिबंध से प्रदूषण की समस्या हल करने में मदद मिलती है. केवल आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहनों को ही अनुमति दी गई है. बीएस3 और बीएस4 वाहनों (उच्च उत्सर्जन वाले) पर प्रतिबंध से भी प्रदूषण पर नियंत्रण रखने में मदद मिली है. लेकिन यह सामूहिक प्रयास है. केवल वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाने से कोई फायदा नहीं होगा."

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कैसे कम हो रहा है एक्यूआई

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सचिन घुडे, जिन्होंने चांदनी चौक में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किया है. उन्होंने भी क्षेत्र में यातायात प्रतिबंधों को बेहतर एक्यूआई का श्रेय दिया. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है कि आप यातायात का प्रबंधन कैसे करते हैं, और यदि आप नॉन मोटराइजिड जोन बनाते हैं, तो आपको AQI में सुधार देखने को मिलेगा."

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पिछले महीने विज्ञान और पर्यावरण केंद्र द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में 51.5% प्रदूषण परिवहन और वाहनों के उत्सर्जन के कारण होता है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. एमपी जॉर्ज ने कहा: "...केवल तभी जब लगातार गिरावट का रुझान हो, इसे वायु गुणवत्ता में वैध सुधार माना जा सकता है."

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