दिल्ली मास्टर प्लान 2041 (Delhi Master Plan 2024) को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने व्यापारियों से सुझाव मांगे हैं. व्यापारियों के साथ बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एक हफ्ते में व्यापारी से सुझाव देने के लिए कहा है. दिल्ली सरकार DDA में व्यापारियों के मुद्दों को भेजेगी. दिल्ली में मास्टर प्लान 2041 को लेकर जद्दोजहद जारी है और इसको लेकर DDA पिछले काफी दिनों से लोगों से सुझाव ले रहा है.
मास्टर प्लान 2024 को लेकर दिल्ली के व्यापारी भी जागरूक हो गये हैं और उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ एक मीटिंग में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दिल्ली के व्यापारियों के मुद्दों को भी मास्टर प्लान 2041 में शामिल किया जाना चाहिए.
व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि परसों की मीटिंग में दिल्ली के 50 व्यापारी नेताओं ने मनीष सिसोदिया से अनुरोध किया कि दिल्ली सरकार उनके विषयों को DDA के सम्मुख रखे.
इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से दिल्ली के व्यापारियों के साथ है और हम चाहते हैं कि दिल्ली के व्यापारियों के मुद्दों को भी मास्टर प्लान 2041 में शामिल किया जाना चाहिए. मनीष सिसोदिया ने व्यापारियों से 1 हफ्ते में अपने सुझाव भेजने का अनुरोध किया. जिससे कि तय सीमा में दिल्ली सरकार उनको मुद्दों को DDA के सामने रख सके.
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बृजेश गोयल ने कहा कि DDA ने जो मास्टर प्लान 2041 का खाका तैयार किया है वो नई बोतल में पुरानी शराब जैसा है,
मास्टर प्लान 2041 में जो बातें कही गई हैं लगभग वो ही बातें मास्टर प्लान 2021 में भी कही गई थी इसलिए इसमें काफी ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश है.
दिल्ली के व्यापारी जिन प्रमुख समस्याओं से जूझ रहे हैं वो निम्न हैं:-
1)- दिल्ली में गोदामों और वेयरहाउस के लिए एक ठोस पाॅलिसी मास्टर प्लान 2041 में बननी चाहिए
2)- कनाॅट प्लेस, चांदनी चौक, सदर बाजार जैसे ऐतिहासिक बाजारों के डवलपमेंट के लिए कोई प्रोपर रोडमैप बनाया जाए
3)- पुरानी दिल्ली के बाजारों से होलसेल एक्टिविटी को शिफ्ट करने की बात नये मास्टर प्लान में की गई है लेकिन उसके लिए कोई समय सीमा और जगह निर्धारित नहीं की गई है जबकि जिन बाजारों को पहले शिफ्ट किया जाना था उनको भी अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है.
4)- दिल्ली के बड़े बड़े बाजारों में पार्किंग और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं है.
5)- जो हजारों दुकानें कुछ साल पहले FAR और कनवर्जन चार्ज को लेकर सील की गई थी उनको डीसील करने का कोई प्रावधान नहीं है.
6)- दिल्ली में होस्पिटेलिटी सेक्टर को बढावा देने के लिए वेडिंग फेयर, नाइट शाॅपिंग जैसी आकर्षक योजनाएं लानी चाहिए.