दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटना जारी है और शनिवार को यह खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे दर्ज किया गया. एक दिन पहले ही दिल्ली प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी दी थी और नदी के डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का त्वरित प्रयास शुरू किया था. आज शाम छह बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.92 मीटर था. यह शुक्रवार रात नौ बजे 205.59 मीटर था हालांकि शनिवार सुबह आठ बजे तक यह घटकर 205.01 मीटर आ गया था. हरियाणा द्वारा शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली पुलिस और पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने राजधानी में यमुना के डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू किया.
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सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों में 13 नावों को तैनात किया और 21 अन्य को तैयार स्थिति में रखा. यमुना का जलस्तर जब 204.50 मीटर के “चेतावनी के निशान” को पार करता है तो बाढ़ की चेतावनी घोषित की जाती है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है. दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की दर इस साल मंगलवार दोपहर को सबसे ज्यादा 1.60 लाख क्यूसेक रही. बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं.
हरियाणा यमुनानगर स्थित बैराज से शुक्रवार रात आठ बजे 37,109 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया था और शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात एक बजे यह बढ़कर 45,180 क्यूसेक हो गया, जिससे जलस्तर 205.44 पर पहुंच गया. शनिवार शाम चार बजे 29172 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया. सामान्य तौर पर, हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण वाले क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद प्रवाह बढ़ गया. एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रतिसेकेंड के बराबर होता है.
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वर्ष 2019 में 18-19 अगस्त को प्रवाह दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी और यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करते हुए 206.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया था.