- दिल्ली में आज सुबह औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 405 दर्ज हुआ, जो गंभीर श्रेणी में आता है
- राजधानी के 30 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशनों में ज्यादातर का AQI गंभीर स्तर पर पहुंच गया है
- विशेषज्ञों के अनुसार गंभीर प्रदूषण से सांस, आंखों और हृदय संबंधी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं
दिल्ली में लोगों की सुबह की शुरुआत इन दिनों हल्की ठंडी जरूर हो गई है. लेकिन लगातार बढ़ती ठंड अब में राजधानी के लोगों का सांस लेना मुहाल होता जा रहा है. दिल्ली में आज तो हालात इतने खराब है कि शहर का औसत एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है. सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 405 दर्ज किया गया, जो ‘Severe' यानी गंभीर श्रेणी में आता है. इसका मतलब है कि हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है और इससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है.
दिल्ली के 30 से ज्यादा एक्टिव मॉनिटरिंग स्टेशनों में से ज्यादातर पर AQI ‘Severe' श्रेणी में है. कुछ प्रमुख इलाकों में स्थिति इस प्रकार है:-
| इलाका | AQI |
| बवाना | 436 |
| जहांगीरपुरी | 423 |
| आईटीओ | 418 |
| चांदनी चौक | 419 |
| नरेला | 420 |
| मुंडका | 410 |
| पंजाबी बाग | 410 |
| आनंद विहार | 411 |
| नेहरू नगर | 408 |
| डीटीयू | 423 |
स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘Severe' यानी गंभीर श्रेणी की हवा में लंबे समय तक रहने से सांस की बीमारियां, आंखों में जलन, और हृदय संबंधी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे पराली जलाने, वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और मौसम में बदलाव को जिम्मेदार माना जा रहा है. हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक कण वातावरण में फंस गए हैं.
GRAP-III लागू, सुप्रीम कोर्ट सख्त
दिल्ली-NCR में हालात बिगड़ने के बाद Commission for Air Quality Management (CAQM) ने Graded Response Action Plan (GRAP) का Stage-III लागू कर दिया है. इसके तहत कई तरह की पाबंदियां लागू की गई है-
- गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर रोक
- BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
- ऑनलाइन या हाइब्रिड क्लासेस
- गैर-स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले उद्योगों पर रोक
- गैर-जरूरी डीजल जनरेटर सेट्स पर प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर मांगी रिपोर्ट
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने कहा कि हालात को देखते हुए GRAP-IV लागू करने पर भी विचार होना चाहिए. एक वकील ने पीठ को बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) जीआरएपी-III को लागू किया है, लेकिन स्थिति इसके बजाय जीआरएपी-IV को लागू करने की मांग कर रही है.














