- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़े अवैध हथियार तस्कर को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है.
- सलीम ने भारत में पहली बार तुर्की की जिगाना पिस्टल की तस्करी की शुरुआत की थी, जो गैंगस्टरों में लोकप्रिय है.
- जिगाना पिस्टल में एक बार में पंद्रह गोलियां चलती हैं, इसका वजन हल्का और फायरिंग स्मूथ होती है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के बड़े आर्म्स सप्लायर को धर दबोचा (Arms Smuggler Arrested) है. सलीम नाम के आर्म्स सप्लायर को पिस्टल के साथ नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है. भारत में ज़िगाना पिस्टल पहली बार सलीम ही लेकर आया था. बता दें कि ज़िगाना वही पिस्टल है, जिससे बाबा सिद्दीकी, सिद्दू मुसेवला, अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या की गई थी. सलीम पर देश में बड़े गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है. सलीम पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से हथियार मांगवाता था. दाऊद की डी कंपनी से भी उसके संबंधों का खुलासा हुआ है.
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हथियारों की दुनिया का बड़ा सप्लायर गिरफ्तार
सलीम अहमद दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला है. हथियारों की दुनिया में उसे सलीम पिस्टल कहा जाता है. वह भारत का एक बड़ा और नामी अवैध हथियार तस्कर है. गैंगस्टरों को आधुनिक और विदेशी हथियार सप्लाई करने की शुरुआत इसी ने की थी. करीब 5 साल पहले दिल्ली पुलिस ने इसे 26 विदेशी पिस्टल और 800 कारतूस के साथ पकड़ा था. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद वह विदेश चला गया और वहीं से अब भी हथियारों का नेटवर्क चला रहा है.
सलीम पहली बार भारत लाया था जिगाना पिस्टल
सलीम पिस्टल ने ही पहली बार भारत में तुर्किये की बनी जिगाना पिस्टल की तस्करी शुरू की थी. इसमें बुलंदशहर के खुर्जा के दो भाई रिजवान और कुर्बान ने इसकी मदद की. पांच-छह साल पहले ये तीनों नेपाल के रास्ते जिगाना पिस्टल भारत लेकर आए थे. इसके बाद ये पिस्टल गैंगस्टरों की पहली पसंद बन गई. इसकी वजह यह है कि इससे एक बार में 15 गोलियां चलती हैं, इसका वजन हल्का है और इसकी मारक क्षमता बेहतरीन है.
जिगाना पिस्टल क्यों है खास?
- एक बार में 15 गोलियां चलती हैं
- वजन 1 किलो से कम (720–920 ग्राम)
- 9 एमएम कैलिबर, 11 अलग वेरिएंट
- लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकॉयल ऑपरेटिंग सिस्टम
- जल्दी गर्म नहीं होती और फायरिंग स्मूथ होती है
गैंगस्टरों का फेवरेट हथियार सप्लायर है सलीम
हाशिम बाबा गैंग, छेनू गैंग समेत देश के कई बड़े गिरोह सलीम से हथियार लेते रहे हैं.पुलिस की पूछताछ में बाबा के गुर्गे मोनू और शाहबाज कुरैशी ने भी सलीम से हथियार लेने की बात कबूल की थी.
हथियार तस्करी का अनोखा तरीका
पाकिस्तान से जिगाना पिस्टल की खेप पहले नेपाल भेजी जाती है. वहां इसके पार्ट्स अलग कर दिए जाते हैं और कार में छिपाकर इसे भारत लाया जाता है. कार में इसके लिए खास जगह बनाई जाती है. भारत पहुंचने पर पार्ट्स को असेंबल कर दिया जाता है.
अब ड्रोन से तस्करी हथियार तस्करों की पहली पसंद
हथियार तस्करी का अब नया तरीका अपनाया जा रहा है. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पिस्टल पंजाब के बॉर्डर पर गिराई जाती है, फिर वहां से देशभर में सप्लाई होती हैं. ड्रोन से लाई गई पिस्टल नेपाल वाली पिस्टल से सस्ती होती हैं. यहकरीब 4 लाख में मिलती है, जबकि नेपाल से आने वाली पिस्टल 6 लाख तक की पड़ती है. इसी वजह से ड्रोन वाली पिस्टल की मांग ज्यादा बढ़ गई है.
जिगाना पिस्टल से हुई किस-किस की हत्या?
पंजाब में कई गैंगवार और बड़े हत्याकांडों में भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है. इसके अलावा गैंगस्टर ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, रूस की एएन-94 और जर्मनी की पी-30 हैंडगन भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जिगाना का क्रेज सबसे ज्यादा है. सलीम पिस्टल के नेटवर्क ने भारत में अवैध हथियार सप्लाई का एक खतरनाक सिस्टम खड़ा कर दिया था.