Delhi Elections 2025: दिल्ली चुनाव में वादों का पिटारा खुल गया है. AAP और कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी वादों की झड़ी लगा दी है. बीजेपी ने तो दिल्ली के लिए अपने संकल्प पत्र का पहला भाग ही पेश किया है और उसमें महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक वादे किए हैं. उम्मीद है कि बीजेपी और भी वादे कर सकती है. शुक्रवार को बीजेपी ने सरकार बनने पर महिलाओं के लिए प्रतिमाह 2500 रुपये का वादा किया. इसके पहले महिलाओं के लिए AAP प्रतिमाह 2100 रुपये और कांग्रेस प्रतिमाह 2500 रुपये का वादा कर चुकी हैं. साथ ही बीजेपी ने कहा है कि AAP सरकार की फ्री योजनाओं को जारी रखेंगे. सवाल उठता है कि जब सभी पार्टियां एक जैसे वादे कर रही हैं तो मतदाता किस पर यकीन करेंगे? इससे भी ज्यादा सवाल ये कि महिलाओं को लेकर ही सभी दल सबसे ज्यादा वादे क्यों कर रहे हैं? महिलाएं चुनाव में इतनी महत्वपूर्ण क्यों हो गईं हैं? ये आंकड़े देख आपको खुद समझ में आ जाएगा...
महिलाओं के लिए चुनावी वादे
AAP
महिलाओं को फ्री बस सेवा जारी रखना.
महिला सम्मान योजना: महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह दिये जाएंगे.
CONG
प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये देने का वादा.
महंगाई मुक्ति योजना के तहत 500 रुपये में सिलेंडर.
BJP
बीजेपी ने AAP सरकार की फ्री बिजली , फ्री पानी , महिलाओं के लिए फ्री बस जैसी योजनाओं को जारी रखने का आश्वासन दिया..
महिला समृध्दि योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये देने का वादा.
गरीब महिलाओं को 500 रुपये में सिलेंडर.
होली . दिवाली में सिलेंडर फ्री.
गर्भवती महिला को 21000 रुपये दिए जाएंगे.
किस पार्टी ने कितने उतारे महिला उम्मीदवार
पार्टी | कुल उम्मीदवार | कुल महिला उम्मीदवार |
AAP | 70 | 9 |
BJP | 68 | 9 |
CONG | 70 | 6 |
दिल्ली में 46% महिला मतदाता
पुरुष वोटर | 83.5 लाख |
महिला वोटर | 71.7 लाख |
अन्य वोटर | 1261 |
कुल वोटर | 1.55 करोड़ |
दिल्ली में बढ़ता महिला मतदान
विधानसभा चुनाव का साल | पुरुष मतदान | महिला मतदान | अंतर |
1993 | 64.6 | 58.3 | 6.3 |
2020 | 62.6 | 62.5 | 0.1 |
विधानसभा में आधी आबादी की बढ़ती भागीदारी
विधानसभा चुनाव का साल | महिला विधायक |
2013 | 3 |
2015 | 6 |
2020 | 8 |
AAP की बंपर जीत में महिलाओं का रोल
2020 में AAP को पुरुष मतों में बीजेपी पर 6% की बढ़त
जबकि AAP को महिला मतों में बीजेपी पर 25% की बढ़त
मतदाता | कांग्रेस | BJP | AAP | अन्य |
पुरुष | 5% | 43% | 49% | 3% |
महिला | 3% | 35% | 60% | 2% |
महिलाओं को कैश ट्रांसफर की स्कीम चुनाव में जीत की गारंटी
महाराष्ट्र : लोकसभा चुनावों में हारने के बाद शिंदे सरकार ने कई लोकलुभावन स्कीम शुरू की. इसमें सबसे प्रमुख थी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये दिए गए. सरकार बनने पर राशि बढ़ाकर प्रतिमाह 2100 रुपये करने का वादा किया.
असर : हालिया विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को 288 में से 235 सीटें मिलीं. CSDS के पोस्ट पोल के मुताबिक 50 फीसदी महिलाओं ने महायुति को वोट दिया, जबकि महाविकास अघाड़ी को सिर्फ 33 फीसदी महिलाओं ने. एमवीए ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन जनता ने उस गठबंधन पर यकीन किया, जो सरकार में रहते हुए पहले से महिलाओं को लाभ दे रहा था.
झारखंड : लोकसभा चुनाव में हारने के बाद JMM सरकार ने अगस्त 2024 में मईयां सम्मान योजना शुरू की. इसके तहत महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाने लगी. सरकार बनने पर राशि बढ़ाकर प्रतिमाह 2500 रुपये करने का वादा किया.
असर : झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को 81 में से 56 सीटें मिलीं. CSDS के पोस्ट पोल के मुताबिक 45 फीसदी महिलाओं ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया, जबकि 38 फीसदी महिलाओं ने एनडीए को. चुनाव से पहले बीजेपी ने भी गोगो दीदी योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया था, लेकिन जनता ने उस गठबंधन पर यकीन किया, जो सरकार में रहते हुए पहले से महिलाओं को लाभ दे रहा था.
मध्य प्रदेश : मार्च 2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये देने की योजना शुरू की. ये योजना उस माहौल में शुरू हुई, जब चुनावी माहौल बीजेपी सरकार के खिलाफ नजर आ रहा था. बाद में इसे 1000 रुपये से बढ़ाकर प्रतिमाह 1250 रुपये कर दिया.
असर : 4 दिसंबर 2023 को जब रिजल्ट आया तो बीजेपी ने दो तिहाई से ज्यादा सीटें जीतीं. 230 में से 163 सीटें जीती. CSDS के पोस्ट पोल के मुताबिक 47 फीसदी महिलाओं ने BJP को वोट दिया, जबकि 43 फीसदी महिलाओं ने कांग्रेस को. चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया था, लेकिन जनता ने उस पार्टी पर यकीन किया, जो सरकार में रहते हुए पहले से महिलाओं को लाभ दे रही थी.
चुनाव में तीनों दलों के कुछ और वादे
आप ऊपर आंकड़ों में देख ही चुके हैं, जिस तरफ महिलाओं का झुकाव हो रहा है, सरकार उसी दल की बन रही है. जाहिर है दिल्ली की जंग अब काम से ज्यादा रेवड़ियों पर टिकी है. सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और सभी का महिलाओं पर सबसे ज्यादा जोर है. हालांकि, इस चुनाव में पहले से महिलाओं को सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी कोई कैश ट्रांसफर नहीं कर रही है.