क्या आपको पता है कल आधी रात दिल्ली में आया था भूकंप!

दिल्ली-एनसीआर में 17 फरवरी को सुबह 4.0 तीव्रता के भूकंप के जोरदार झटकों ने हर किसी को दहला दिया था. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सुबह साढ़े 5 बजे आए भूकंप के कारण लोगों की नींद टूट गई थी

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दिल्ली में फिर कांपी धरती
नई दिल्ली:

दिल्ली में कुछ दिन पहले ही आए भूकंप ने हर किसी को डरा दिया था. लेकिन क्या आपको पता है कि कल आधी रात फिर से दिल्ली में भूकंप आया था. आधी रात को 11:46 बजे भूकंप के हल्‍के झटके महसूस किए गए. इस भूंकप का केंद्र साउथ दिल्‍ली रहा. हालांकि भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 2.2 बताई जा रही है. जो कि पिछले भूकंप से कम थी. भूकंप के बाद लोग तुरंत घर से बाहर भागे. हालांकि गनीमत रही कि अबतक जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. एक सप्‍ताह पहले ही दिल्‍ली में एक तेज भूकंप आया था. जिससे हर कोई सहम गया था.

भूकंप के तेज झटकों से सहम गई थी दिल्ली

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में 17 फरवरी को सुबह 4.0 तीव्रता के भूकंप के जोरदार झटकों ने हर किसी को दहला दिया था. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सुबह साढ़े 5 बजे आए भूकंप के कारण लोगों की नींद टूट गई थी. कंपन इतना ज्यादा था कि कुछ सेकंड तक धरती डोलती रही. लोग दशहत में अपने घरों और फ्लैट से बाहर दौड़ पड़े. भूकंप की जानकारी देनी वाली सरकारी वेबसाइट seismo.gov.in  पर भूकंप की तीव्रता 4.0 है.  इसका केंद्र दिल्ली के आसपास ही बताया गया है. भूकंप के ये झटके सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि सुबह-सुबह कार से निकल रहे लोगों ने भी महसूस किए. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जा रहे एक यात्री ने बताया कि रास्ते में उनकी कार कांप गई थी.

तेज आवाज के साथ आया था भूकंप

हैरानी की बात यह है कि जब 17 जनवरी को भूकंप के झटकों के साथ तेज आवाज भी सुनी गई.  कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने इन झटकों के साथ कुछ ऐसी आवाजें सुनीं जैसा कुछ टूट रहा हो.  भूकंप को लेकर पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. साथ ही दिल्ली पुलिस ने भी एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, ताकि लोग किसी भी मदद के लिए पुलिस की सहायता ले सकें. 

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क्यों आते हैं भूकंप

भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है. ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं. इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं. ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है.

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