दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आर.के. पुरम के एक शख्स को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शेयर बाजार और IPO में निवेश का झांसा देकर ₹39,50,755 की ठगी का शिकार बनाया गया. ठगों ने शिकायतकर्ता को एक फर्जी इंस्टिट्यूशनल अकाउंट खोलने और निवेश करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन बाद में उसका अकाउंट लॉक कर दिया और पैसे निकालने से रोक दिया. शख्स ने मामले की शिकायत साइबर थाना, साउथ-वेस्ट में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, मुख्य सरगना अभी भी फरार है.
ठगी का तरीका: व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ जालसाजी का खेल
शिकायतकर्ता को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां शेयर बाजार और IPO में निवेश के फर्जी सुझाव दिए गए. ठगों ने विश्वास जीतने के बाद उसे एक इंस्टिट्यूशनल अकाउंट खोलने और बैंक खाता नंबर साझा करने के लिए प्रेरित किया. शिकायतकर्ता ने ₹39.50 लाख जमा कर दिए, लेकिन जब उसने पैसे निकालने की कोशिश की, तो अकाउंट लॉक कर दिया गया. इसके बाद ठगों ने और निवेश करने का दबाव डाला, तब जाकर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज की.
पुलिस की जांच: मनी ट्रेल ने खोले राज
साउथ-वेस्ट दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. तब मनी ट्रेल से पता चला कि ₹4 लाख कोटक बैंक के एक करंट अकाउंट में ट्रांसफर किए गए, जो रणजय सिंह (जौनपुर, यूपी) के नाम पर था. वहीं, ₹9.30 लाख एसबीआई के बलाजी ट्रेडिंग कंपनी अकाउंट में गए. दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी सुरेंद्र ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों की तलाश में कई राज्यों में छापेमारी की.
गिरफ्तारी और खुलासा: जयपुर और जोधपुर में पुलिस की कार्रवाई
10 फरवरी 2025: पुलिस ने जयपुरमें छापेमारी कर कुलदीप चौधरी (22 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने दोस्त राकेश कुमार के नाम से बैंक खाता खुलवाकर ठगों को दिया, जिसके बदले उसे ₹2 लाख का कमीशन मिला.
24 फरवरी 2025: जोधपुर में दो दिन की तलाशी के बाद रणजय सिंह (32 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया. उसने खुलासा किया कि उसने कोटक महिंद्रा बैंक में खाता खोला और इसे को-आरोपी कवराज सिंह को दिया, जिसके बदले उसे ₹50,000 का कमीशन मिला. रणजय ने बताया कि पैसे ट्रांसफर के दौरान वह बाड़मेर के एक होटल में छिपा हुआ था.
फरार मुख्य सरगना की तलाश जारी
मामले का मुख्य सरगना कवराज सिंह अभी फरार है. पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. डीसीपी सुरेंद्र ने बताया कि कवराज के खिलाफ कई सबूत जुटाए गए हैं और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
बरामदगी और सबूत
पुलिस ने दोनों आरोपियों से 4 स्मार्टफोन बरामद किए, जिनमें ठगी से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत मौजूद हैं. इनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि इस साइबर अपराध के नेटवर्क का और पर्दाफाश हो सके.