हरियाणा में CSIR-UGC NET पेपर लीक, कबड्डी अकेडमी की इमारत में चल रहा था गोरखधंधा, ऐसे हुआ पर्दाफाश

CM फ्लाइंग और पुलिस ने रेड की तो A और B सेट के सवालों की कॉपी मिली, लैपटॉप-प्रिंटर भी मिला, जिससे पेपर की प्रिंटिंग हो रही थी. नीरज धनखड़ और सचिन नाम के दो लोग वहीं मौजूद थे. उन्होंने बताया कि प्रति छात्र 3-4 लाख रुपये में पेपर हल करवाने का सौदा तय था.

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हरियाणा में  पेपर लीक रैकेट सामने आया है. देशभर में 18 दिसंबर हुई  CSIR-UGC NET की परीक्षा से पहले ही हरियाणा में इसका पेपर एक दिन पहले लीक हो गया. स्टूडेंट्स से परीक्षा पास कराने के लिए 3 से 4 लाख रुपये तक वसूले जा रहे थे. CM फ्लाइंग की टीम को गुप्त सूचना मिली और फिर ऐसा जाल बिछाया गया कि पूरा खेल बेनकाब हो गया. रोहतक CM फ्लाइंग टीम को खबर मिली कि CSIR-UGC NET का 18 दिसंबर वाला पेपर आउट हो चुका है और कुछ लोग लाखों में सौदा कर रहे हैं. टीम पानीपत के इसराना स्थित NC कॉलेज के पास जा पहुंची और इंतजार करने लगी.एक टेंपो ट्रैवलर पर लड़के-लड़कियां बैठे और गाड़ी सीधा सोनीपत के पास गोहाना इलाके तक गई, टीम पीछा करती रही. गाड़ी एक दो मंजिला कबड्डी अकेडमी पर रुकी. ऊपर 2 कमरों में 37 छात्र-छात्राएं बैठे थे, 16 केमिस्ट्री और 21 लाइफ साइंस के पेपर देने वाले. यहां उन्हें अगले दिन पूछे जाने वाले सवाल बताए जा रहे थे और प्रैक्टिस करवाई जा रही थी.

पांच लोगों के खिलाफ केस हुआ दर्ज

CM फ्लाइंग और पुलिस ने रेड की तो A और B सेट के सवालों की कॉपी मिली, लैपटॉप-प्रिंटर भी मिला, जिससे पेपर की प्रिंटिंग हो रही थी. नीरज धनखड़ और सचिन नाम के दो लोग वहीं मौजूद थे. उन्होंने बताया कि प्रति छात्र 3-4 लाख रुपये में पेपर हल करवाने का सौदा तय था. नीरज ने बताया कि उसका भाई धीरज मोबाइल पर पेपर भेजता था. पूछताछ में पवन और आशीष नाम भी सामने आए. 18 दिसंबर को गोहाना सदर थाना में FIR दर्ज हुई. 5 लोगों पर BNS की धारा 316(2)/318(4)/61(2) के तहत केस दर्ज है. 37 छात्रों में किसी का नाम FIR में नहीं रखा गया हालांकि पुलिस ने सबके नाम-पते ले लिए हैं और अब जांच में इन्हें बुलाया जाएगा.


क्या होता है CSIR-UGC NET

यह JRF और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा है. इसमें केमिकल साइंस, लाइफ साइंस, मैथेमैटिकल साइंस, फिजिकल साइंस और अर्थ साइंस के पेपर होते हैं. CSIR-NET ऑनलाइन होता है, एक ही पेपर पूरे देश में होता है. अब सवाल यह पेपर ऑनलाइन होते हुए भी सवाल एकेडमी तक कैसे पहुंचे. क्या कोई अंदरूनी मिलीभगत थी. जांच एजेंसियां अब सवालों का मिलान कर रही हैं कि जो पेपर मिला. क्या वही असली ऑनलाइन पेपर था, 5 आरोपियों की तलाश चल रही है. 37 छात्रों की भूमिका की जांच की जा रही है.

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