छठ पूजा को लेकर दिल्ली में तमाम घाटों में तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. यमुना नदी पर भी कई ऐसे घाट हैं जहां इस बार छठ पूजा पर विशेष तैयारी की गई है. एक तरफ जहां सरकार छठ पूजा की तैयारी में जुटी है वहीं दूसरी तरफ कुछ छठ घाटों पर की गई तैयारियों को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने आरोप लगाया है कि वासुदेव घाट से यमुना को अलग किया गया है. यमुना से वासुदेव घाट को अलग करने के लिए बीच में एक मिट्टी की दीवार का निर्माण किया गया है. यहां साफ दिखता है कि यमुना अलग है लेकिन वासुदेव घाट पर जो पानी है वो यमुना से अलग है. हालांकि, AAP के इन आरोपों को बीजेपी ने भी पलटवार किया है.
AAP के दिल्ली प्रभारी सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि वासुदेव घाट पर जो पानी भरा गया है वो सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लाकर यहां डाला गया है. ये पानी पीने के लिए साफ की जाती है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वासुदेव घाट पर जो पानी है वो यमुना का नहीं है. बल्कि यहां गंगा नदी से लाया गया पानी भरा गया है. जिसे इस घाट पर भरने से पहले फिल्टर किया गया है. दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी सौरभ भारद्वाज के इस वीडियो री-पोस्ट किया है. उन्होंने इस वीडियो को एक्स पर साझा करते हुए लिखा है कि बीजेपी ने दिल्ली में छठ पर्व की आस्था का भी मजाक बना दिया है.
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को गलत बताया. बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हमने दिल्ली में आठ महीने में ही यमुना को इतना साफ कर दिया है कि लोग वहां जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं. आम आदमी पार्टी को हर चीज में राजनीति करना है. हमारे लिए छठ राजनीति का नहीं बल्कि हमारी आस्था का विषय है. मैं सौरभ भारद्वाज से पूछता हूं कि उन्होंने कभी यमुना के तट पर पूजा क्यों नहीं की. जहां तक बात उस घाट की है तो अगर आप हमारे पुराने वीडियो देखेंगे तो वहां आपको पहले भी मिट्टी दिखेगी. ऐसा नहीं है हमने छठ पूजा को लेकर ही वहां ऐसा किया है. उनके बयान उनकी राजनीतिक कुंठा और निराशा को दिखाती है.














