- बाबा चैतन्यानंद तिहाड़ जेल में है और वहां दो दिन से लगातार बेचैन और चिड़चिड़े दिख रहा है
- जेल के नियमों का पालन करने में बाबा चैतन्यानंद असहज है और उन्होंने आराम की विशेष मांगें की थी
- अदालत में बाबा चैतन्यानंद ने न्यायिक हिरासत के दौरान विशेष सुविधाओं की मांग की थी
बाबा चैतन्यानंद अब तिहाड़ जेल में है. शनिवार को जेल में रहते हुए उसकी ये दूसरी रात थी. जेल में पहली रात की तरह वह शनिवार को भी काफी बेचैन दिखा. दूसरे दिन भी बाबा को नींद नहीं आई. पुलिस सूत्रों के अनुसार बाबा पूरी रात अपने सेल में घूमता रहा है. नींद ना आने पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर चिल्लाने लगा. बाबा जेल में बिल्कुल चिड़चिड़ा सा हो गया है. उसके चेहरे की रंगत उड़ चुकी है. जेल में रहते हुए दो दिन में वह पूरी तरह से झुल्ला गया है.
जेल के मैन्यूअल से भी हो रही है परेशानी
सूत्रों के अनुसार बाबा चैतन्यानंद जेल के मैन्यूअल को भी मानने को तैयार नहीं है. उसने अपने वकील की मदद से पूरी कोशिश की थी कि वो जेल में अपने लिए भी ऐशो-आराम की व्यवस्था करा पाए. लेकिन तिहाड़ में उसकी एक ना चली. उसे आम कैदियों की तरह ही रहना पड़ रहा है. उसपर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है.
अदालत में भी कम नहीं हुए थे बाबा के नखरे
आपको बता दें कि पुलिस ने जब बाबा चैतन्यानंद को अदालत में पेश किया था तो उस दौरान भी उसकी डिमांड की लिस्ट खत्म नहीं हुई. उसने कोर्ट के सामने अपनी रइसी झाड़ने की कोशिश की. अदालत में सुनवाई के दौरान बाबा के वकील ने शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में कपड़े, दवाइयां, किताबें और संन्यासी खाने की मांग की थी.स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती तिहाड़ के 4 नंबर जेल में बंद है. कल उसकी पुलिस रिमांड खत्म हुई थी, इसके बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया. बाबा को पहले तिहाड़ के जेल नंबर 4 के मुलायजा वार्ड में रखा गया था. ये वो वार्ड है, जहां फर्स्ट टाइमर आरोपी रखे जाते हैं. इस जेल में हर तरह के अपराधी बंद हैं.
सेल नंबर 7 में शिफ्ट किया गया बाबा
बाबा चैतन्यानंद को तिहाड़ जेल लाए जाने के एक दिन बाद सेल नंबर 7 में शिफ्ट कर दिया गया है. इस सेल में हाई प्रोफाइल कैदियों को ही रखा जाता है. ये सेल दूसरे सेल से काफी अलग होती है. ऐसे सेल में रखे जाने वाले कैदियों पर हर समय नजर रखी जा सकती है.
कैसे करता था गंदे काम
पुलिस की जांच में पता चला है कि चैतन्यानंद के दुबई में भी संबंध हैं. लोग वहां से अक्सर आश्रम में आते थे. आश्रम में रहने वाली हर छात्रा को इंटर्नशिप या फिर नौकरी के लिए दुबई भेजने का सपना दिखाया जाता था. बाबा लड़कियों को खास तवज्जो देता था. उनको अपने झांसे में लेने के लिए संस्थान में विशेष अधिकार देता था. इस काम में उसकी तीन करीबी महिलाएं साथ देती थीं. ये तीनों उसकी राजदार थीं और लड़कियों को बाबा के करीब लाने और गंदे काम करने के लिए तैयार करती थीं.