दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद अब हर स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को दिल्ली की कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर बैठक बुलाई. इस बैठक की अहमियत इस बात से साबित हो जाती है कि शीला दीक्षित की सरकार के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब केंद्रीय गृह मंत्री दिल्ली की मुख्यमंत्री सहित कई गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी की कानून व्यवस्था पर चर्चा की है.
बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों पर फोकस
बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के पुलिस थानों और उपसंभागों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने घुसपैठियों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. उनकी पहचान कर उन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए. दिल्ली की सुरक्षा की समीक्षा के बाद अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने में मदद करने वाले गिरोह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ड्रग्स के खिलाफ भी अभियान
अमित शाह ने ड्रग्स के खिलाफ भी अभियान छेड़ने की बात की और इस काम में लगे लोगों की पहचान कर एक्शन लेने का आदेश दिल्ली पुलिस को दिया. अमित शाह ने दिल्ली के गैंगस्टर्स की लिस्ट बनाकर उनपर कार्रवाई की बात भी कही. शाह ने कहा कि शहर में अंतरराज्यीय गिरोहों को सख्ती से खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के मामलों में ‘‘ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक'' कार्रवाई की जानी चाहिए और ऐसे मादक पदार्थ तंत्र को खत्म किया जाना चाहिए.
क्यों बुलाई गई बैठक
इस बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल स्थापित करना है, ताकि कानून-व्यवस्था के संबंध में निर्णय लेने में कोई भी दिक्कत न हो. इससे पहले, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 22 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को तलब कर दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी. इसके साथ ही उन्होंने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अपराध को लेकर दिल्ली में हमें जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करना होगा. दिल्ली में कानून-व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी. दिल्ली में हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करे. यह हर पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होनी चाहिए.