यूपी में 3 दिन छापेमारी, 1000 किमी तक तलाश... विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का आरोपी गिरफ्तार

धर्मेंद्र ने बताया कि उसने नौकरी के लिए कई वॉट्सऐप ग्रुप्स जॉइन किए थे. वहीं से ठगों ने उससे संपर्क किया और पहले वियतनाम का वीजा दिलवाकर उसका भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग बहानों से मोटी रकम मंगवाई और फिर ब्लॉक कर दिया. 

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  • दिल्ली पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है.
  • शिकायतकर्ता धर्मेंद्र से ऑस्ट्रेलिया की नौकरी और वीजा का लालच देकर 3.12 लाख रुपए ठग लिए गए.
  • पुलिस ने लगातार तीन दिन उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया.
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नई दिल्‍ली :

दिल्ली पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो लोगों को ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों के साथ ठगी कर रहा था. बुराड़ी का रहने वाले शिकायतकर्ता धर्मेंद्र हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्‍म मैनेजमेंट में प्रोफेशनल है. उनसे इस गैंग ने 3.12 लाख रुपए हड़प लिए. धर्मेंद्र को वियतनाम के रास्ते ऑस्ट्रेलिया की नौकरी और वीजा का लालच दिया गया. 

धर्मेंद्र ने बताया कि उसने नौकरी के लिए कई वॉट्सऐप ग्रुप्स जॉइन किए थे. वहीं से ठगों ने उससे संपर्क किया और पहले वियतनाम का वीजा दिलवाकर उसका भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग बहानों से मोटी रकम मंगवाई और फिर ब्लॉक कर दिया. 

लगातार तीन दिन यूपी में की छापेमारी 

केस दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस स्टेशन नॉर्थ की टीम ने लगातार तीन दिन यूपी के अलग-अलग इलाकों में 1000 किलोमीटर तक छापेमारी करती रही. 

आखिरकार यूपी के एटा जिले से गिरोह के मास्टरमाइंड सहदेव सिंह  को दबोचा गया. उसकी प्रेमिका को भी गिरफ्तार किया गया, जिसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होते थे. 

पुलिस ने अब तक शिकायतकर्ता के 78,920 रुपए को कई खातों में फ्रीज कराया है. 

आरोपी इस तरह से करते थे ठगी 

आरोपी सहदेव सिंह वॉट्सऐप ग्रुप्स पर विदेशों (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा) में नौकरी के विज्ञापन डालता था. जब कोई शिकार जाल में फंस जाता तो पहले वियतनाम का वीजा दिलाकर भरोसा जीत लेता था. इसके बाद बड़ी रकम वीजा प्रोसेसिंग, वर्क परमिट और यूएसडीटी बैलेंस दिखाने जैसे बहानों से वसूल लेता था. पैसे मिलते ही शिकार को ब्लॉक कर देता था. 

पहचान छिपाने के लिए वियतनाम और मलेशिया के नंबर इस्तेमाल करता और खुद का मयंक पांडे, राहुल कुमार, अजय यादव जैसे नामों से परिचय देता. 

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डीसीपी नॉर्थ राजा बंथिया ने बताया कि गिरोह के पास से मिले मोबाइल और सिम कार्ड्स की जांच की जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि और कितनों के साथ ठगी की गई है. आगे की जांच जारी है. 
 

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