दिल्ली के ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल' की इमारत के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत की घटना के मामले में मजिस्ट्रेट जांच की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' और सड़क का जल स्तर एक ही था, जिससे वहां फंसे छात्र को पानी से निकालने में समस्या आई.
अंतरिम मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट और एमसीडी के करोल बाग जोन के अधीक्षक अभियंता की रिपोर्ट राजस्व मंत्री आतिशी को सौंपी गई. आतिशी ने आरोप लगाया कि ‘‘नौकरशाही'' यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की घटना की जांच में ‘‘ढिलाई'' बरत रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘सोमवार यानी 29 जुलाई 2024 शाम सात बजकर 40 मिनट पर मुझे केवल मंडल आयुक्त से घटना की रिपोर्ट प्राप्त हुई और बताया गया कि जांच में 7 दिन और लगेंगे.''
जिलाधिकारी (मध्य) की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना की सूचना 27 जुलाई को शाम सात बजकर 20 मिनट पर ‘राव आईएएस' के प्रतिनिधि मंगल ने टेलीफोन पर दी थी कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भर गया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि फोन करने वाले ने बताया कि कुछ छात्र ‘बेसमेंट' में फंसे हुए हैं और वह उन्हें उनकी संख्या की स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन अनुमान जताया कि उनकी संख्या पांच के आसपास हो सकती है. सूचना मिलने पर करोल बाग तहसीलदार और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों सहित राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अंत में बेसमेंट से तीन-चार फुट पानी बाहर निकालने के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मचारियों ने ‘बेसमेंट' में प्रवेश किया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से इमारत के ‘बेसमेंट' से तीन शवों को बाहर निकाला गया.
इसमें कहा गया, ‘‘इस कोचिंग संस्थान ने नाले को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया और इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय भी नहीं किए हैं. इसकी पार्किंग का रास्ता सीधे सड़क के सामने है और भारी बारिश की स्थिति में पानी नाले में जाने के बजाय सीधे इस पार्किंग क्षेत्र में घुस जाता है.''
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोचिंग सेंटर की इमारत के सुरक्षा कर्मचारियों ने कोई सतर्कता नहीं बरती, जिसके चलते पानी बिना रुके पार्किंग क्षेत्र को पार कर ‘बेसमेंट' में घुस गया.