दिल्ली की एक अदालत ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल (एसयूवी) के चालक को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी और कहा कि उसे आनन-फानन में इस मामले में आरोपी बनाया गया.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि उसने एसयूवी चालक मनुज कथूरिया के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का आरोप हटाने का फैसला किया है, जिसके बाद अदालत ने उसे जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि उसपर लगीं अन्य धाराओं में जमानत दी जा सकती है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने हालांकि आरोपी को निर्देश दिया कि वह किसी भी तरह से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मामले के संबंध में कोई टिप्पणी न करे. अदालत ने कथूरिया को जमानत देने से मजिस्ट्रेट अदालत के इनकार के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की.
अदालत ने कहा, “मामले पर गौर करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता को आनन-फानन में फंसाया गया. उसके खिलाफ भारतीय न्याय सहिंता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत आरोप लगाया गया, जिसके तहत किया गया अपराध गैर-जमानती होता है. ”
- कथूरिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1), 115 (2), 290, और 281 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
- अदालत ने कथूरिया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि के भुगतान पर जमानत दे दी.
जमानत की अन्य शर्तों में 'किसी भी तरह से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समक्ष मामले के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करना', आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होना, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना और शिकायतकर्ता या अन्य गवाहों से संपर्क नहीं करना शामिल है.
इससे पहले जांच अधिकारी ने कहा, ‘‘आईआईटी-दिल्ली की विशेषज्ञ टीम के घटनास्थल का दौरा करने और निरीक्षण के बाद निष्कर्ष प्रस्तुत करने पर इसका बेहतर मूल्यांकन किया जा सकेगा. ऐसे में, अब तक आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत मामला बनता है, जिसके लिए अदालत उचित आदेश पारित कर सकती है.''
बुधवार को अपराध को ‘‘गंभीर'' बताते हुए मजिस्ट्रेट अदालत ने कथूरिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उनकी याचिका ‘‘फिलहाल अस्वीकार्य'' है. कथूरिया को सोमवार को बेसमेंट के चार सह-मालिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
मजिस्ट्रेट अदालत ने रविवार को राऊज आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. भाषा पवनेश