दिल्ली में रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस समेत 7 तरह के व्यापार के लिए अब पुलिस के लाइसेंस की जरूरत नहीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस फैसले से करीब बीस लाख लोग प्रभावित होंगे. ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के तहत ये बड़ा फैसला है.

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दिल्ली में लाखों व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है.रेस्टोरेंट गेस्ट हाउस जैसे सात तरह के व्यापार के लिए अब दिल्ली पुलिस से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है. व्यापारियों के लिए ये कितनी बड़ी राहत है और पुलिस का ये लाइसेंस राज क्यों गैर जरूरी था. जानिए इस स्टोरी में बता दें कि दिल्ली पुलिस का लाइसेंस राज खत्म करने के लिए वीरेंद्र जैन ने बीस साल तक लंबी लड़ाई लड़ी. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से कई बार मिले.सरकार के मंत्रियों से मुलाक़ात करके बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में पुलिस से लाइसेंस लेने की कोई जरूरत नहीं है. वीरेंद्र जैन जैसे किसी रेस्टोरेंट मालिक को अगर पुलिस से लाइसेंस लेना है तो उसे 40 तरीके के दस्तावेज दिखाने पड़ते हैं...

जैसे रेस्टोरेंट वाली बिल्डिंग का सेफ्टी सर्टिफिकेट 
कंपनी और उसके डायरेक्टर की जानकारी 
प्रापर्टी के दस्तावेज 
लेबर सर्टिफिकेट और लिफ्ट का सेफ्टी सर्टिफिकेट
पार्किंग से लेकर DG set का Noise Report तक मांगा जाता

प्रेसिडेंट, फेडरेशन ऑफ स्वीट एंड नमकीन मैन्युफ़ैक्चरर वीरेंद्र जैन ने कहा कि आप खुद सोचिए लोगों को इन कागजात को जोड़ने में कितना वक्त लगता फिर इससे भ्रष्टाचार बढ़ता और उसका बोझ किस पर आता आम लोगों पर. यही नहीं लाइसेंस के लिए जितने दस्तावेज़ उतना ही भ्रष्टाचार की संभावना होती है और इसका खामियाजा किसको भुगतना पड़ता है आम पब्लिक को. दिल्ली में बीजेपी ने सत्ता में आते ही पहले भवन निर्माण की प्रक्रिया से पहले पुलिस को बाहर किया फिर अब दिल्ली में इन सात श्रेणियों में स्वीमिंग पुल(Swimming Pools), इटिंग हाउस (Eating House), होटल(Hotel), मॉटल(Motel), गेस्ट हाउस (Guest House),डिस्कोथेक (Discotheque), वीडियो गेम पार्लर्स (Video Game Parlours), एम्यूजमेंट पार्क (Amusement park), ऑडिटोरियम (Auditorium) जैसे व्यवसायिक गतिविधियों में लाइसेंस लेने की जरुरतमंद नहीं है.दिल्ली सरकार इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है.

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस फैसले से करीब बीस लाख लोग प्रभावित होंगे. ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के तहत ये बड़ा फैसला है. हालांकि अब भी दिल्ली में व्यवसाय के लिए फायर डिपार्टमेंट, MCD, लेबर डिपार्टमेंट समेत FSSAI तक से लाइसेंस लेना पड़ता है. देखना है कि सिंगल विंडो सिस्टम का जो वादा सरकार ने किया है उसे कब और कैसे पूरा करती है. 

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