दिल्ली-एनसीआर में ‘स्मॉग टावर’ लगाना वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं : सूत्र

सूत्रों ने कहा कि धान की कटाई के मौसम के दौरान पंजाब में पराली जलाना दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए प्रमुख कारण है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘स्मॉग टावर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हैं. केंद्र सरकार भविष्य में ऐसे और वायुशोधक लगाने के पक्ष में नहीं है.’’

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘स्मॉग टावर' दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं है और केंद्र इन विशाल वायुशोधक को स्थापित करने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने में स्मॉग टावर की प्रभावशीलता पर बुधवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के अधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक में चर्चा की गई.

सूत्रों ने कहा कि धान की कटाई के मौसम के दौरान पंजाब में पराली जलाना दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए प्रमुख कारण है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘स्मॉग टावर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हैं. केंद्र सरकार भविष्य में ऐसे और वायुशोधक लगाने के पक्ष में नहीं है.''

2021 में, उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद दिल्ली में दो स्मॉग टावर स्थापित किए गए - एक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के तहत कनॉट प्लेस में और दूसरा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत आनंद विहार में लगाया गया. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दावा किया था कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अश्विनी कुमार के ‘‘एकतरफा'' निर्देशों के कारण कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था.

मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि कनॉट प्लेस स्थित स्मॉग टावर को शुरू किया जाए. इसके बाद, दिल्ली सरकार के अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को स्मॉग टावर को दोबारा शुरू किया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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