दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर सुनवाई पूरी हो गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 16 नवंबर दोपहर 3 बजे कोर्ट फैसला सुनाएगी. राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा. सुनवाई के दौरान ED ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध किया.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था. इससे पहले अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं. इसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं.
सत्येंद्र जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था. उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था. जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे.
वहीं, सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दो आरोपियों ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से उनकी जमानत मंजूर करने का अनुरोध किया. उन्होंने दलील दी कि उन्हें अब और समय तक हिरासत में रखने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी. आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन ने विशेष न्यायाधीश विकास ढुल से कहा कि जांच के लिए अब उन्हें और हिरासत में रखे जाने की आवश्यकता नहीं है. ये दोनों आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जैन के साथ तिहाड़ जेल में हैं.
अदालत ने इससे पहले ईडी को आबकारी नीति मामले में जैन से पूछताछ करने की इजाजत दी थी. ईडी ने जेल के अंदर 16 सितंबर को जैन से पूछताछ की थी.
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