मर्सिडीज से लेकर फॉर्च्यूनर तक, अमेरिकियों को कंगाल करने वाले ठग गैंग के पास से मिला और भी बहुत कुछ

इससे पहले 20 अगस्त 2025 को भी हुई छापेमारी में कई लग्ज़री सामान, महंगी संपत्तियों में निवेश और अहम सबूत बरामद किए गए थे.फिलहाल ED इस मामले में आगे की जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

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फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़.
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  • ED ने दिल्ली-NCR में फर्जी कॉल सेंटर के मास्टरमाइंड को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया है.
  • गिरफ्तार आरोपी अमेरिका के नागरिकों को टेक सपोर्ट फ्रॉड के जरिए ठगी करता था. वह जुलाई 2024 से फरार था.
  • ED रेड में 1.75 करोड़ रुपये के गहने, नकद, चार लग्जरी गाड़ियां, महंगी घड़ियां और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.
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नई दिल्ली:

भारत में बैठकर विदेशों में ठगी करने वाले कई सिंडिकेट अब तक सरकार के हत्थे चढ़ चुके हैं. ऐसे ही एक और मास्टरमाइंड को ईडी की टीम ने धर दबोचा है. धोखाधड़ी करने वाले शख्स का नाम है चंद्र प्रकाश गुप्ता. यह फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था. प्रवर्तन निदेशालय की गुरुग्राम ज़ोनल टीम ने दिल्ली-NCR में चल रहे बड़े फर्जी कॉल सेंटर घोटाले का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी को धर दबोचा है. यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की गई है.

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फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

चंद्र प्रकाश गुप्ता अमेरिका के नागरिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे टेक सपोर्ट फ्रॉड का अहम आरोपी है. वह जुलाई 2024 से फरार था और उसके खिलाफ CBI की छापेमारी के बाद नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया गया था. PMLA की विशेष अदालत, गुरुग्राम ने आरोपी को ED की हिरासत में भेज दिया है.

रेड में महंगी गाड़ियां और अन्य चीजें जब्त

ED ने यह जांच CBI, IOD दिल्ली द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी, जिसमें IPC और IT एक्ट की कई गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. जांच के दौरान ED ने 19 और 20 दिसंबर 2025 को दिल्ली-NCR के 10 ठिकानों पर छापेमारी की. इन छापों में करीब 1.75 करोड़ रुपये के गहने,10 लाख रुपये से ज्यादा नकद, मर्सिडीज से फॉर्च्यूनर तक 4 लग्ज़री गाड़ियां, 8 महंगी घड़ियां,डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.

220 से ज्यादा महंगी शराब की बोतलें जब्त

हालांकि इस घोटाले के तीन बड़े आरोपी अर्जुन गुलाटी, अभिनव कालरा और दिव्यांश गोयल अब भी फरार हैं. छापेमारी के दौरान कई जगहों से 220 से ज्यादा महंगी शराब की बोतलें भी बरामद की गईं, जो तय सीमा से कहीं ज्यादा थीं. इस मामले की जानकारी आबकारी विभाग को दी गई, जिसके बाद अलग से FIR दर्ज की गई.

नोएडा-गुरुग्राम से चल रहे थे ठगी के कॉल सेंटर

ED की जांच में सामने आया है कि यह फर्जी कॉल सेंटर नोएडा और गुरुग्राम से चलाए जा रहे थे. यहां काम करने वाले लोग खुद को Microsoft टेक्निकल सपोर्ट बताकर अमेरिका के नागरिकों को ठगते थे. ठगों द्वारा कंप्यूटर स्क्रीन पर ऐसे फर्जी पॉप-अप मैसेज दिखाए जाते थे, जो बिल्कुल Microsoft के सिक्योरिटी अलर्ट जैसे लगते थे. डर के मारे पीड़ित दिए गए नंबर पर कॉल कर बैठते थे, जिसके बाद कॉल सीधे इन फर्जी कॉल सेंटर्स में जाती थी.

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अमेरिकियों को ऐसे बनाते थे निशाना

आरोपी पीड़ितों को TeamViewer या AnyDesk जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवा देते थे और फिर उनके कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल ले लेते थे. इसके बाद बैंक डिटेल, निजी जानकारी और वित्तीय डेटा निकाल लिया जाता था. डर और घबराहट का फायदा उठाकर पीड़ितों को यह कहकर पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते थे कि उनका पैसा हैक होने वाला है और उसे सुरक्षित रखने के लिए Federal Reserve के नाम पर बताए गए खातों में भेजना जरूरी है.

शेल कंपनियों से ऐसे भारत आता था पैसा

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ठगी की रकम को पहले हॉन्गकॉन्ग के बैंक खातों में भेजा गया, फिर उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया और बाद में अलग-अलग शेल कंपनियों के जरिए भारत में वापस लाया गया. ED के मुताबिक, नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 के बीच इस गिरोह ने करीब 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) की ठगी की. अब तक 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की पहचान की जा चुकी है, जो ठगी के पैसों से खरीदी गई थी.

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इससे पहले 20 अगस्त 2025 को भी हुई छापेमारी में कई लग्ज़री सामान, महंगी संपत्तियों में निवेश और अहम सबूत बरामद किए गए थे.फिलहाल ED इस मामले में आगे की जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

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