दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) की स्टैंडिंग कमेटी की 1 खाली सीट पर चुनाव की घोषणा हो गयी है.यह वह सीट है जिसका चुनाव सीधा सदन से होगा. 19 सितंबर तक नामांकन होगा, 26 सितंबर को स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर का चुनाव होगा.ये सीट अगर आम आदमी पार्टी जीत गई तो MCD में स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष कौन होगा इसका फैसला लकी ड्रॉ से होगा.अगर यह सीट बीजेपी जीत गई तो BJP को स्टैंडिंग कमेटी में बहुमत मिल जाएगा और स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष भाजपा से होगा. हालांकि सदन में बहुमत आम आदमी पार्टी का है इसलिए यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में जाने की प्रबल संभावना है.
क्या होता है स्टैंडिंग कमेटी?
दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के आलावा स्टैंडिंग कमेटी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जिसके पास स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का पद होता है, उसी के पास असली पावर होती है. यही कारण है कि राजनीति दल स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. स्थाई समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं, जो 12 जोन से चुनकर आते हैं. साथ ही 6 सदस्यों का चुनाव सदन में होता है.
स्टैंडिंग कमेटी के पास कितना पावर?
दिल्ली एमसीडी में कॉर्पोरेशन का कामकाज और प्रबंधन का काम स्टैंडिंग कमेटी ही करती है. स्टैंडिंग कमेटी ही प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी देती है. स्टैंडिंग कमेटी MCD की यह मुख्य फैसला लेने वाला समूह होता है.
क्या होती हैं वार्ड कमेटियां?
वार्ड कमेटियां दिल्ली नगर निगम में सर्वोच्च होता है, जहां पर नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं. दिल्ली में समस्याओं और नीतियों को बनाने के लिए निगम क्षेत्र को 12 लोकल वार्ड कमेटियों में बांटा गया है. पार्षद अपने वार्ड की समस्या को उठाते हैं. 15 दिन पर वार्ड कमेटियों की बैठक होती है.
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