दिल्ली कांग्रेस ने AAP पर किया प्रहार, याद दिलाई रीयल-टाइम प्रदूषण निगरानी सुविधा की समय सीमा

कांग्रेस के दिल्ली शहर अध्यक्ष अनिल कुमार ने सुविधा केंद्र का दौरा किया और आरोप लगाया कि सुपरसाइट पर अभी भी मशीनें खरीदी जा रही हैं

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दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बुधवार को सुपरसाइट सेंटर का दौरा किया.
नई दिल्ली:

दिल्ली कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में रियल टाइम पॉल्यूशन मॉनीटर और वायु गुणवत्ता की निगरानी की एक सुविधा को 20 अक्टूबर को कार्यशील होना था, लेकिन इसका अभी तक संचालन शुरू होना बाकी है." कांग्रेस ने कहा कि इसको लेकर दिल्ली सरकार का दावा निराधार साबित हुआ. कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अनिल कुमार ने सुविधा केंद्र का दौरा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) "गंभीर" श्रेणी तक पहुंचने के बावजूद सुपरसाइट के लिए मशीनों को अभी भी खरीदा जा रहा है."

प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने आईआईटी-कानपुर के साथ साझेदारी की है. इनके द्वारा दी जाने वाली सुविधा रियल टाइम में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने और पूर्वानुमान लगाने के लिए राउज़ एवेन्यू में विभिन्न कंपाउंड की निगरानी करने में सक्षम है.

अनिल कुमार ने कहा कि, "सुपरसाइट, जिसे प्रदूषण पर नज़र रखने के लिए 20 अक्टूबर को कार्याशील बनाया जाना था, उसका अभी तक संचालन शुरू नहीं हुआ है. यह अभी भी विकास के चरण में है. शहर के कई हिस्सों में एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी तक पहुंचने के बावजूद मशीनों की खरीद अभी भी की जा रही है. 

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दिल्ली में बुधवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (376) में मामूली सुधार हुआ क्योंकि मौसम की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर थी. 24 घंटे का औसत सूचकांक मंगलवार को शाम 4 बजे 424 था, जो पिछले साल 26 दिसंबर के बाद से सबसे खराब था. तब यह केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार 459 था. 

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वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर हो तो यह "गंभीर" माना जाता है और स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है. प्रदूषण बीमार लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

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कांग्रेस के आरोपों के जवाब में परियोजना प्रभारी मुकेश शर्मा ने कहा कि उपकरण खरीदकर स्थापित कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि रीयल-टाइम डेटा 10 नवंबर के बाद जनता के साथ साझा किया जाएगा.

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दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप "निराधार" हैं. सुपरसाइट पर उपकरणों का परीक्षण किया गया है.

मुकेश शर्मा ने कहा, "सभी उपकरण रीयल-टाइम सोर्श एप्पार्शनमेंट स्टडी के लिए खरीदे गए हैं. डेटा के आंतरिक सत्यापन में लगभग दो सप्ताह लगते हैं. प्रक्रिया लगभग तीन से चार दिन पहले शुरू हुई थी और इसे पूरा करने में एक और सप्ताह लगेगा." 

उन्होंने कहा, "पॉल्यूशन कंपाउंड और रियल टाइम एक्यूआई सहित डेटा और पूर्वानुमान डेटा 10 नवंबर के बाद जनता के लिए उपलब्ध होगा."

पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक नवंबर को दिल्ली सचिवालय में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें परियोजना प्रभारी ने सुपरसाइट पर खरीदे गए विभिन्न उपकरणों के माध्यम से वास्तविक समय के डेटा को ट्रैक करने पर एक लाइव प्रस्तुति दी गई थी.

विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "सुविधा के लिए कुछ उपकरण आयात किए गए हैं. सभी कंपनियों की तकनीकी टीमों ने इन सभी उपकरणों को स्थापित किया है और उनका परीक्षण किया है. सभी उपकरणों से डेटा सही तरीके से कंप्यूटर सिस्टम तक पहुंच रहा है."

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