उत्तर कोरिया को सायबर हमलों के खिलाफ अमेरिका की चेतावनी

CISA ने रिपोर्ट में उत्तर कोरिया के कई सायबर ग्रुप्स को खतरा बताया है. इसमें BlueNoroff और Stardust Chollima शामिल हैं

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क्रिप्‍टोकरेंसी और ब्‍लॉकचेन के बढ़ते इस्‍तेमाल के कारण सायबर अपराधी इसे निशाना बना रहे हैं

एक सायबर सिक्योरिटी एडवाइजरी में अमेरिका ने कहा है कि नॉर्थ कोरिया से होने वाले सायबर अटैक्स से ब्लॉकचेन और क्रिप्टो फर्मों के लिए खतरा हो सकता है. फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) और अमेरिकी ट्रेजरी ने सायबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) के साथ मिलकर इस बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया है. CISA की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में ऐसे सायबर अटैक्स के लिए उत्तर कोरिया को जिम्मेदार बताया गया है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया को ऐसी गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी भी दी गई है. 

रिपोर्ट में कहा गया है, "अमेरिकी सरकार को पता चला है कि उत्तर कोरिया की ओर से किए जा रहे सायबर अटैक्स में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी फर्मों को निशाना बनाया जा रहा है. इनमें पीड़ितों के कंप्यूटर का एक्सेस हासिल कर उनके नेटवर्क में सेंध लगाई जाती है और प्राइवेट कीज चुरा ली जाती हैं." 

CISA ने रिपोर्ट में उत्तर कोरिया के कई सायबर ग्रुप्स को खतरा बताया है. इसमें BlueNoroff और Stardust Chollima शामिल हैं. इससे पहले अमेरिकी अथॉरिटीज ने Axie Infinity गेम के Ronin Network पर एक बड़े सायबर अटैक के लिए दक्षिण कोरिया के हैकिंग ग्रुप Lazarus को जिम्मेदार बताया था. FBI ने कहा था कि इस हैक के पीछे  Lazarus ग्रुप था. ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने उस एड्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसे चुराया गया फंड प्राप्त हुआ था. Lazarus हैकिंग ग्रुप पर उत्तर कोरिया के इंटेलिजेंस ब्यूरो का नियंत्रण है. इस हैक में लगभग 61.5 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई थी.

इस हैकिंग ग्रुप पर रैंसमवेयर अटैक, इंटरनेशनल बैंकों और कस्टमर एकाउंट्स की हैकिंग के आरोप लग चुके हैं. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से Lazarus ग्रुप को ब्लैकलिस्ट करने और इसके एसेट्स को जब्त करने के लिए कहा है. सायबर अपराधियों ने पिछले वर्ष  ब्लॉकचेन्स को हैक करके 1.3 अरब डॉलर से अधिक की चोरी की थी. क्रिप्‍टोकरेंसी और ब्‍लॉकचेन के बढ़ते इस्‍तेमाल के कारण सायबर अपराधी इसे निशाना बना रहे हैं. हाल के महीनों में ऐसे कई मामले हुए हैं जिनमें ऐसे सायबर अटैक में फर्मों और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इनमें से कुछ मामले क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी अमेरिकी फर्मों के साथ हुए हैं. 

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