Tether का Peso से जुड़े स्टेबलकॉइन के साथ लैटिन अमेरिका में एक्सपैंशन

नए टोकन की ट्रेडिंग MXNT टिकर के तहत होगी। इसे शुरुआत में Ethereum, Tron और Polygon से सपोर्ट मिलेगा

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क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है
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नए टोकन की ट्रेडिंग MXNT टिकर के तहत होगी
इसे शुरुआत में Ethereum, Tron और Polygon से सपोर्ट मिलेगा
USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं

लोकप्रिय स्टेबलकॉइन USDT से जुड़ी फर्म Tether ने एक नए स्टेबलकॉइन के साथ लैटिन अमेरिका के क्रिप्टो मार्केट में एक्सपैंशन किया है. यह स्टेबलकॉइन मेक्सिको के Peso से जुड़ा है. नए टोकन की ट्रेडिंग MXNT टिकर के तहत होगी. इसे शुरुआत में Ethereum, Tron और  Polygon से सपोर्ट मिलेगा.

Tether के पास यूरो और युआन से जुड़े स्टेबलकॉइन्स भी हैं लेकिन डॉलर से जुड़ा इसका स्टेबलकॉइन USDT अधिक लोकप्रिय है. USDT का सर्कुलेशन 77 अरब डॉलर से अधिक का है. हाल ही में LUNA में भारी गिरावट के दौरान Tether की सप्लाई में 15 अरब से अधिक की कमी हुई थी. Tether के CTO Paolo Ardoino ने कहा, "लैटिन अमेरिका में हमने क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखी है. इस वजह से हमने प्रोडक्ट रेंज को बढ़ाया है. Peso से जुड़े स्टेबलकॉइन से इमर्जिंग मार्केट्स और विशेषतौर पर मेक्सिको में लोगों को अच्छा विकल्प मिलेगा." 

MXNT को डिवेलपर्स की उसी टीम ने बनाया है जो USDT के पीछे थी. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. 

USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं. क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है. इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है. प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है. हाल के महीनों में स्टेबलकॉइन्स के नए वेरिएंट गोल्ड कॉइन्स की लोकप्रियता बढ़ी है. गोल्ड कॉइन्स के साथ गोल्ड की गारंटी होती है और वोलैटिलिटी कम करने के लिए ये डॉलर से जुड़े होते हैं. स्टेबलकॉइन्स की ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए अमेरिका में एक स्पेशल फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है. इसे ट्रस्ट एक्ट कहा जा रहा है. इसके साथ ही अमेरिका में स्टेबकॉइन्स को बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम में आधिकारिक तौर पर शामिल किया जा रहा है. ऐसा करने वाला यह पहला पश्चिमी देश होगा. ट्रस्ट एक्ट का लक्ष्य स्टेबलकॉइन्स को रेगुलेट करना है जिससे प्रति दिन होने वाली पेमेंट्स में इनके इस्तेमाल को बढ़ाया जा सके. 
 

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