'क्रिप्‍टो से कमाई पर पर टैक्‍स लगाना नहीं होना चाहिए प्रमुख एजेंडा'

सात्विक विश्‍वनाथ ने कहा है कि हमें क्रिप्टो को एक निवेश इन्‍स्‍ट्रुमेंट की तरह देखना होगा. अब हम जो फैसला लेंगे, वह हकीकत में भविष्य की संभावनाओं को बना या बिगाड़ सकता है.

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विश्वनाथ ने अनुमान लगाया है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था निवेशकों को ज्‍यादा समय तक दूर नहीं रख सकती है।

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक कॉइनबेस (Coinbase) को भारत में एक सर्विस शुरू करने पर जूझना पड़ा था. देश में UPI-बेस्‍ड क्रिप्टो-खरीदारी सुविधा शुरू करने के कुछ दिनों बाद ही कॉइनबेस को इसे सस्‍पेंड करना पड़ा, क्योंकि सरकार ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया था. कंपनी के CEO- ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने कहा था कि कॉइनबेस को इस सर्विस को वापस लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘अनौपचारिक दबाव' का सामना करना पड़ा. उन्‍होंने कहा है कि ऐसे भ्रम की वजह से विदेशी क्रिप्टो प्‍लेयर्स आने वाले समय में भारतीय इंडस्‍ट्री प्‍लेयर्स के साथ अपने निवेश और इंगेजमेंट में देरी कर सकते हैं.

गैजेट्स 360 से बातचीत में Unocoin (यूनोकॉइन) क्रिप्टो एक्सचेंज के को-फाउंडर सात्विक विश्वनाथ ने यह ऑब्‍जर्वेशन हाइलाइट किया है. वह देश में क्रिप्टो प्‍लेयर्स के लिए निष्पक्ष नीतियों की वकालत कर रहे हैं. यूनोकॉइन प्रमुख ने कहा कि भारत सरकार को क्रिप्टो के आसपास अपनी प्राथमिकताओं को तय करना चाहिए. 

उन्‍होंने कहा कि हमें क्रिप्टो को एक निवेश इन्‍स्‍ट्रुमेंट की तरह देखना होगा. अब हम जो फैसला लेंगे, वह हकीकत में भविष्य की संभावनाओं को बना या बिगाड़ सकता है. 

हाल के दिनों में दुनिया के कई इलाकों में क्रिप्‍टो से जुड़े सम्मेलनों और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इनमें अमेरिका का मियामी, दुबई, क्रोएशिया, थाईलैंड और मैक्सिको समेत अन्‍य इलाके शामिल हैं. निराशा की बात यह है कि कई इंडियन क्रिप्टो प्‍लेयर्स ने इन ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म्‍स पर अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करवाई. इनमें से कुछ आयोजनों में भारत की क्रिप्टो कम्‍युनिटी का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्वनाथ का मानना ​​है कि भारतीयों का इन इवेंट्स में ना पहुंचना सिर्फ वक्‍त की बात है. 

विश्वनाथ ने अनुमान लगाया है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था निवेशकों को ज्‍यादा समय तक दूर नहीं रख सकती है. उन्‍होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम पर टैक्‍स लगाना एजेंडे में सबसे ऊपर नहीं होना चाहिए. हां, यह जरूरी है कि तेजी से बढ़ता क्रिप्‍टोकरेंसी का क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे. लेकिन एक इंडस्‍ट्री के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए स्थिर इकोसिस्‍टम बनाना भी जरूरी है. भारत को यह मौका नहीं चूकना चाहिए, जो क्रिप्टो जैसे नई इंडस्‍ट्री को उसके पास ला रहा है. उन्‍होंने कहा कि क्रिप्टो खराब नहीं है और इस लायक नहीं हैं कि उन पर गैरजरूरी टैक्‍स लगाया जाए. 

हालांकि उन्हें लगता है कि देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम क्रिप्टो सेक्टर को अच्छी परिस्थितियों में आगे ले जा रहा है. आने वाले साल में इसके चौंकाने वाले रिजल्‍ट देखने को मिलेंगे. विश्वनाथ ने इंडियन क्रिप्‍टो प्‍लेयर्स को पूंजी और बड़ा कस्‍टमर बेस जुटाने के लिए ‘बधाई' दी है. इंडस्‍ट्री ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2021 में 638 मिलियन की क्रिप्टो फंडिंग और ब्लॉकचेन इन्‍वेस्‍टमेंट को लुभाया है. 

क्रिप्टो से आगे बढ़ते हुए विश्वनाथ ने देश के लोगों और सरकार को ब्लॉकचेन नेटवर्क को बेहतर बनाने और डीसेंट्रलाइज्‍ड फ्यूचर की ओर माइग्रेट होने की सलाह दी है. साल 2013 में लॉन्च हुए Unocoin का वैल्यूएशन पिछले साल 20 मिलियन डॉलर (करीब 155 करोड़ रुपये) से ज्यादा हो गया था. हालांकि देश के क्रिप्टो सेक्‍टर को आकार देने वाले रेगुलेटरी कानूनों का अभी भी इंतजार किया जा रहा है. 

 

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