रूस ने पेमेंट्स के लिए क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगाया बैन

नए कानून के तहत, डिजिटल एसेट्स और डिजिटल राइट्स को गुड्स और सर्विसेज के लिए पेमेंट्स के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता

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बैंक ऑफ रशिया ने पेमेंट्स या इनवेस्टमेंट के लिए क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था
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  • रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच क्रिप्टो को लेकर बहस चलती रही है
  • इस कानून के पालन को क्रिप्टो एक्सचेज और फर्में पक्का करेंगे
  • रूस में बिटकॉइन माइनिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है
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क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कुछ देशों में सख्ती की जा रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पेमेंट्स के लिए डिजिटल एसेट्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं. नए कानून के तहत, डिजिटल एसेट्स और डिजिटल राइट्स को गुड्स और सर्विसेज के लिए पेमेंट्स के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.

इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रूबल को ही रूस में करेंसी के तौर पर आधिकारिक स्वीकृति दी गई है. रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस चलती रही है. रूस की पार्लियामेंट की वेबसाइट पर प्रकाशित कानून में कहा गया है, "ट्रांसफर किए गए गुड्स, किए गए कार्यों, सर्विसेज या अन्य तरीके की पेमेंट के लिए डिजिटल एसेट्स को ट्रांसफर या स्वीकार करने पर रोक लगाई गई है." इस कानून के पालन को क्रिप्टो एक्सचेज और इस सेगमेंट से जुड़ी फर्में सुनिश्चित करेंगे. फाइनेंशियल एसेट्स को रूस की सरकार बिना एक्चेंज को शामिल किए सीधे हासिल कर सकती है. डिजिटल एसेट्स की गारंटी वाली सिक्योरिटीज को भी एसेट होल्डर्स को पहले से सूचना दिए बिना कानूनी तौर पर रद्द किया जा सकता है. 

इस वर्ष की शुरुआत में बैंक ऑफ रशिया ने पेमेंट्स या इनवेस्टमेंट के लिए क्रिप्टो पर पूरी तरह बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, इसके बाद रूस की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सरकार के पास क्रिप्टोकरेंसीज के लिए रेगुलेशंस का ड्राफ्ट जमा किया था, जिसमें बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट की अनुमति थी लेकिन इसका इस्तेमाल चीजें खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता था. 

यूक्रेन पर हमले के बाद से दुनिया भर में निंदा का सामना कर रहे पुतिन ने बिटकॉइन माइनिंग को लेकर उत्साह दिखाया था. उनका कहना था कि रूस के पास इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी का सरप्लस होना और प्रशिक्षित लोगों की उपलब्धता जैसे फायदे हैं. पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस ने डिजिटल रूबल के ट्रायल की स्पीड बढ़ाने का फैसला किया है. डिजिटल रूबल को पहले 2024 में लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी लेकिन अब इसे अगले वर्ष प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है. डिजिटल रूबल का ट्रायल वास्तविक क्लाइंट्स के साथ स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के इस्तेमाल से शुरू किया जाएगा. स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स ऐसे कोड में लिखे कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं जिनसे पार्टीज के बीच सहमति वाली शर्तों के इंटरमीडियरीज के बिना ऑटोमैटिक कम्प्लायंस की अनुमति मिलती है.  
 

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