भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सुझाव दिया है कि किसी भी 'प्रमुख पब्लिक फिगर जैसे सेलिब्रिटीज और खिलाड़ियों' को क्रिप्टो प्रोडक्ट का सपोर्ट नहीं करना चाहिए और एडवर्टाइजमेंट दिखाने वालों को कानूनों के उल्लंघन के बारे में भी बात करनी चाहिए. गौरतलब है कि आज की तारीख तक क्रिप्टो को रेगुलेट नहीं किया गया है और इसे सिर्फ टैक्सेशन के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के तौर पर रखा गया है.
Business Line के मुताबिक, SEBI ने फाइनेंस पर संसदीय स्थायी समिति को अपना विचार बताया जब मेंबर्स ने बीते माह क्रिप्टो से संबंधित पहलुओं पर अधिकारियों से पूछताछ की. अब रेगुलेटरी ने लिखित तौर पर पूरा जवाब दिया है. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने रेगुलेटरी से एडवर्टाइजमेंट पर अपने विचार देने और एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) के गाइडलाइंस भी देने को कहा है.
एक सूत्र ने सेबी के हवाले से कहा कि 'यह देखते हुए कि क्रिप्टो प्रोडक्ट रेगुलेटेड नहीं है तो खिलाड़ियों समेत प्रमुख सेलिब्रिटीज या उनकी आवाज का उपयोग क्रिप्टो प्रोडक्ट के सपोर्ट/एडवर्टाइजमेंट के लिए नहीं होना चाहिए.' इसके अलावा यह बताया गया है कि सेलिब्रिटीज को सपोर्ट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट या किसी अन्य कानून का उल्लंघन है.
व्यापार रणनीतिकार और स्वतंत्र निदेशक Lloyd Mathias ने कहा कि 'एक खास कैटेगरी के एड पर पूरा बैन एक अलग बात है. लेकिन अगर प्रोडक्ट के एड पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो यह तय करना कि कौन उस प्रोडक्ट का सपोर्ट कर सकता है या नहीं यह बहस का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि यह किसी भी सेलिब्रिटीज के कमाई के मौलिक अधिकार को भी रोक कर सकता है. बीते नवंबर में सेलब्रिटीज की विशेषता वाले क्रिप्टो एड आने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग की थी और यह देखा था कि युवाओं को ज्यादा लुभावने और नॉन-ट्रांसपेरेंट एड के जरिए गुमराह करने के प्रयासों पर रोक लगनी चाहिए.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 भी किसी भी एड में दावों के लिए सेलिब्रिटीज को ज्यादा ध्यान देने के लिए कहता है. अगर कोई एड झूठा या भ्रामक लगता है तो सेंट्रल कंज्यूर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी उसके निर्माता या सेलिब्रिटी एंडोर्सर्स को एड को बंद करने या बदलने के लिए गाइडलाइंस जारी कर सकता है.
कोई भी खिलाड़ी या सेलिब्रिटी Cryptocurrency को नहीं करे प्रमोट, SEBI का सुझाव
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 भी किसी भी एड में दावों के लिए सेलिब्रिटीज को ज्यादा ध्यान देने के लिए कहता है. अगर कोई एड झूठा या भ्रामक लगता है तो सेंट्रल कंज्यूर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी उसके निर्माता या सेलिब्रिटी एंडोर्सर्स को एड को बंद करने या बदलने के लिए गाइडलाइंस जारी कर सकता है.
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