वर्चुअल रिएलिटी के लिए हो जाइए तैयार! Meta का पहला फिजिकल स्टोर होने जा रहा शुरू

Meta स्टोर का खुलना यह साबित करता है कि जिस दुनिया की चर्चा अभी तक केवल थ्योरी के रूप में हो रही थी, अब वह हकीकत बनने वाली है

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Meta का पहला फिजिकल स्टोर 9 मई से शुरू होने जा रहा है
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  • मेटावर्स दुनिया का अगला बड़ा कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म हो सकता है- जुकरबर्ग
  • Metaverse के बारे में कहा जाता है कि यह सपनों की दुनिया होने वाली है
  • स्टोर में वीडियो कॉलिंग डिवाइसेज के टेस्ट के लिए रूम भी तैयार किए गए हैं
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वर्चुअल रिएलिटी का सपना जल्द ही हकीकत में तब्दील होने वाला है. Facebook की मालिक Meta Platforms Inc ने अपने पहले फिजिकल स्टोर की झलकी पेश की है. स्टोर में फ्लोर-टू-सीलिंग स्क्रीन लगाई गई है जिसमें वर्चुअल रिएलिटी हैंडसेट्स के जरिए गेम खेला जा सकता है. इसके अलावा वीडियो कॉलिंग डिवाइसेज के टेस्ट के लिए रूम भी तैयार किए गए हैं. मेटा का ये फिजिकल स्टोर 9 मई से शुरू होने जा रहा है, जो Meta Reality Labs यूनिट के मेन कैम्पस में बनाया गया है. यह बर्लिनगेम, कैलिफॉर्निया के सिलिकॉन वैली टाउन में स्थित है. 

कंपनी की इस यूनिट में हार्डवेयर प्रोडक्ट्स तैयार किए जा रहे हैं जिनमें Ray-Ban स्मार्ट ग्लासेज, वीडियो कॉलिंग डिवाइसेज के पोर्टल और Oculus VR हेडसेट्स सेल किए जाएंगे. स्टोर में ब्लॉन्ड कलर की लकड़ी के साथ कम से कम सजावट की गई है. स्टोर का डिजाइन बिल्कुल साधारण रखा गया है. 

Metaverse के बारे में कहा जाता है कि यह सपनों की दुनिया होने वाली है. मेटावर्स में आज जैसे चाहें जी सकते हैं. हालांकि यह आपको एक आर्टिफिशिअल यानि कि बनावटी में दुनिया में ले जाता है, लेकिन आभास ऐसा होता है कि आप सच में वहां पर मौजूद हैं. इसलिए Metaverse एक आभासी दुनिया है. इसकी खास बात है कि आप अपने चाहने वालों, दोस्तों और परिवार के साथ घूम सकते हैं. यह ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों पर बनी दुनिया है. 

मेटा स्टोर का खुलना यह साबित करता है कि जिस दुनिया की चर्चा अभी तक केवल थ्योरी के रूप में हो रही थी, अब वह हकीकत बनने वाली है. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी ने वर्चुअल रिएलिटी में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. मेटावर्स डिजिटल तकनीक का भविष्य है और लोगों के रहने के लिए नई जगह है. 

इसके बारे में मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग कहते हैं कि मेटावर्स दुनिया का अगला बड़ा कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म हो सकता है. लेकिन साथ में उन्होंने ये भी कहा है कि मेटावर्स में जो दांव लगाया गया है, उसका भुगतान करने में हमें 10 साल तक का समय लग सकता है. मेटावर्स के लिए दुनिया भर में कोशिशें तेज हो रही हैं. अगले कुछ सालों में यह इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ करने वाली है. 

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