क्रिप्टो सेगमेंट पर तैयार ने बनाया कंसल्टेशन पेपर

क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रेगुलेशंस बनाने से पहले केंद्र सरकार अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए लागू नियमों को देखेगी

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फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी
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  • सरकार का कहना है कि वह इस सेगमेंट पर पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को लेकर भ्रम की स्थिति है
  • अमेरिका में इस सेगेमेंट से जुड़ा एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी हुआ है
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क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने पर केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है. इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी Ajay Seth ने सोमवार को यह जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में इन्फ्लेशन में गिरावट आने की संभावना है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की मांग की थी. हालांकि, सरकार का कहना है कि वह इस सेगमेंट पर पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी.

इस बारे में Seth ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर वैश्विक स्तर पर सहमति बनने की जरूरत है. इस सेगमेंट को रेगुलेट करने से पहले सरकार अन्य देशों में इससे जुड़े रेगुलेशंस को देखेगी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसीज पर सरकार ने कंसल्टेशन पेपर तैयार कर लिया है. इस वर्ष के बजट में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने की घोषणा की थी. 

पिछले महीने की शुरुआत से देश में डिजिटल एसेट्स से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की वॉल्यूम में काफी गिरावट आई है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने की घोषणा की थी. इसके अलावा 1 जुलाई से प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS भी चुकाना होगा. फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी और इसके बाद से यह मुद्दा क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बीच विवाद का एक कारण बना है. इंडस्ट्री के बहुत से एक्सपर्ट्स और क्रिप्टो से जुड़े लोगों ने इस सेगमेंट पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे रेगुलेट करने के सरकार के रवैये की प्रशंसा की है, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स की दर कम होनी चाहिए.

हालांकि, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को लेकर भ्रम की स्थिति है. इन नियमों का उल्लंघन करने वाले मुश्किल में पड़ सकते हैं. नए क्रिप्टो कानून का उल्लंघन करने वालों सात वर्ष तक की कैद हो सकती है. केंद्र सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह क्रिप्टो माइनिंग करने वालों और इंडस्ट्री से जुड़े अन्य लोगों को टैक्स में कोई छूट देने पर विचार नहीं कर रही. बहुत से अन्य देशों में भी क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कानून बनाने की तैयारी की जा रही है. अमेरिका में हाल ही में इस सेगेमेंट से जुड़ा एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी हुआ था. 
 

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