क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने सतर्क रहने की सलाह

इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में काफी संभावना है और Web 3 इकोसिस्टम में शामिल लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि सरकार टेक्नोलॉजी के खिलाफ है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
केंद्र सरकार डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहती है

क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी कुछ फर्मों के खिलाफ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की कार्रवाई के बाद फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "सरकार पहले ही चेतावनी दे चुकी है. मुझे लगता है हमें इसे लेकर सतर्कता से आगे बढ़ना चाहिए." ED ने कुछ क्रिप्टो एक्सचेंजों की मनी लॉन्ड्रिंग के शक में जांच शुरू की है.

हालांकि, इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में काफी संभावना है और Web 3 इकोसिस्टम में शामिल लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि सरकार टेक्नोलॉजी के खिलाफ है. उनका कहना था कि केंद्र सरकार डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहती है. ED ने पिछले एक महीने में कम से कम दो क्रिप्टो एक्सचेंजों के एसेट्स पर रोक लगाई है. ED ने सिंगापुर के क्रिप्टो एक्सचेंज Vauld के लगभग 4.65 करोड़ डॉलर के एसेट्स पर रोक लगाने का फैसला किया है. ED ने बताया कि ये एसेट्स बैंक एकाउंट्स, पेमेंट गेटवे के बैलेंस और Flipvolt क्रिप्टो एक्सचेंज पर वॉलेट्स में हैं. इस मामले में फर्म से जुड़े कई परिसरों पर छापे मारे गए थे. 

इस बारे में ED की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था, "ये लेंडिंग के गलत तरीकों के कारण अपराध से मिली रकम है. इससे खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी को अज्ञात विदेशी क्रिप्टो वॉलेट एड्रेस में ट्रांसफर किया गया था." ED ने बताया कि Vauld की भारत में फर्म से जुड़े जिन एसेट्स पर रोक लगाई गई है उन्हें फंड के बारे में पूरी जानकारी देने पर ही जारी किया जाएगा. Vauld ने स्टेबलकॉइन TerraUSD में भारी गिरावट के बाद जून में अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी थी. Flipvolt इसकी भारत में यूनिट है. इस महीने की शुरुआत में ED ने क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के लगभग 80 लाख डॉलर के एसेट्स पर रोक लगाई थी.

देश में पिछले वर्ष सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD ने बताया है कि कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है.  UNCTAD ने पिछले वर्ष डिजिटल करेंसीज रखने वाले टॉप 20 देशों का डेटा जारी किया है. इसमें यूक्रेन पहले स्थान पर है. यूक्रेन की लगभग 12.7 प्रतिशत जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी थी. भारत इस लिस्ट में सातवें पायदान पर है. UNCTAD का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज एक अस्थिर फाइनेंशियल एसेट है और इससे नुकसान हो सकता है.  
 

Featured Video Of The Day
Parliament Session: संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान किसने किसको धक्का मारा? | Muqabla