1 फरवरी, 2022 को पेश किए गए बजट में आखिरकार सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी इकोसिस्टम को लेकर अपना पहला कदम उठा लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट में ऐलान किया कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाएगी. इस घोषणा के बाद से इसबात पर चर्चा शुरू हो गई कि क्रिप्टोकरेंसी का कानूनी दर्जा क्या है क्योंकि सरकार ने अभी क्रिप्टो पर कोई कानून लागू नहीं किया है. अब सरकार की ओर से साफ किया गया है कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग करना गैरकानूनी नहीं है. कानून लाने को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी पर विचार-विमर्श जारी है और उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे.
दरअसल, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने Bloomberg Television को एक ताजा इंटरव्यू दिया है. उसमें भी उन्होंने सरकार का यही रुख रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार क्रिप्टो असेट में ट्रेडिंग को गैरकानूनी नहीं मानती है. सरकार ने अपनी परिभाषा में क्रिप्टो से हुई आय को वैसे ही परिभाषित किया है, जैसे कि जुए में जीते गए पैसों को टैक्स के दायरे में रखा जाता है.
सोमनाथन ने इस इंटरव्यू में कहा कि 'अभी ये ग्रे एरिया में है. क्रिप्टो खरीदना या बेचना गैरकानूनी नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'अब हमने एक टैक्सेशन के लिए फ्रेमवर्क जारी किया है, जिसमें हम क्रिप्टो असेट को वैसे ही देखेंगे, जैसे कि हम हॉर्स रेस, सट्टा और ऐसे ही दूसरे ट्रांजैक्शन से मिली कमाई को देखते हैं.'
सरकार क्रिप्टो के नियमन को लेकर क्या करने वाली है, सवाल पूछने पर वित्त सचिव ने कहा कि 'सरकार का रुख है कि इसपर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाए और इसपर भी नजर रखी जाए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या हो रहा है.' उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल सरकार नियमन को लेकर जल्दबाजी नहीं करेगी और ऐसे ट्रांजैक्शन पर टैक्स लेने पर ही अभी फोकस रखेगी.