क्रिप्टोकरेंसी की वैधता और इसके नियमन पर भारत में चर्चा गरम है. सरकार कितनी गंभीरता और तेजी से इस संबंध में अपना स्टैंड तैयार कर रही है, इसका सबूत हैं पिछले एक हफ्ते में हुईं दो अहम बैठकें और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसपर आया ताजा बयान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘सिडनी संवाद' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक अहम बात कही. पीएम ने कहा कि 'सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.' पीएम का यह बयान तब आया है, जब अभी पिछले दिन एक संसदीय समिति से यह राय निकलकर आई थी कि क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है. पीएम मोदी ने भी इस संबंध में एक बैठक ली थी.
पीएम ने गुरुवार को संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का ज़िक्र करते हुए कहा कि 'क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.'
पीएम आज 'India's Technology: Evolution and Revolution' विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 'हम एक युग में होने वाले ऐसे बदलाव के दौर में हैं, जब तकनीक और डेटा हमारे नए हथियार बन रहे हैं.'
ये भी पढ़ें : Cryptocurrency पर RBI की चिंता जारी, गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक हफ्ते में दूसरी बार कही यह बात
पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुई थी बैठक
बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियमन, इसके खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों और चलन पर चर्चा की गई थी. बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि 'सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है, इसलिए इसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसपर सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरदर्शी होंगे.'
वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार नेमाना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.
विशेषज्ञ पवन दुग्गल कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन संभव नहीं है, इसे रेगुलेट करने के लिए भारत को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आइलैंड माने जाने वाले माल्टा सहित एस्तोनिया, बेलारूस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने जो कानूनी पहल शुरू की है उसे स्टडी करके आगे बढ़ना होगा.दुग्गल ने NDTV से कहा, "करोड़ों भारतीय नागरिकों ने क्रिप्टो करेंसीमें पैसा लगाया है, अभी उनके निवेश को सुरक्षित रखने या उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कोई नियम कानून नहीं है. लीगल रिड्रेसल अभी संभव नहीं है.यह आंधी है जो आ रही है. इसमें कुछ लोग कैसे बनाएंगे अधिकतर को नुकसान होगा." एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑफ डायरेक्ट टैक्स के चेयरमैन वेद जयंती भी मानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है इस इसे रेगुलेट करने के लिए सरकार को जल्दी पहल करनी होगी क्योंकि इसमें 'स्पेक्युलेशन' की संभावना अभी काफी ज्यादा है.जाहिर है देश में क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते मार्केट और निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को इस मार्केट को रेगुलेट करने के लिए जल्दी पहल करनी होगी.