क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पिछले कुछ दिनों से सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) ने पहले ही बाजार पर संशय के बादल खड़े कर रखे हैं, वहीं कई ग्लोबल फैक्टर्स हैं, जिनके चलते निवेशकों को नुकसान हुआ है. ग्लोबल शेयर बाजार में और अन्य सेक्टरों में बिकवाली का दबाव दिखा है. इस बीच यूएस फेडरल रिजर्व बैंक के सख्त रवैये और कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते क्रिप्टोकरेंसी बाजार के मार्केट वैल्यू में 10% से ज्यादा की गिरावट आई है.
Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन जैसे संकेत दे रहा है, उनके मुताबिक, बाजार अभी और वॉलेटाइल यानी अस्थिर होने वाला है. बीते वीकेंड पर बिटकॉइन में जबरदस्त तरीके से उतार-चढ़ाव देखा गया है. शुक्रवार के बाद से इसमें 21 फीसदी तक की गिरावट आई. अक्टूबर में 69,000 डॉलर का रिकॉर्ड हाई देखने वाला क्रिप्टो सोमवार की दोपहर को 40,000 डॉलर की गिरावट पर चल रहा है.
बिटकॉइन फ्यूचर भी गिर रहा है और रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े एक्सचेंज़ेज पर फंडिंग रेट निगेटिव में हो गए हैं. यानी शॉर्ट पोजीशन पर चल रहे निवेशक प्रीमियम चुका रहे हैं. बाजार में लिक्विडेशन का दबाव बढ़ गया है.
बीते एक हफ्ते से ज्यादा वक्त में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के 250 बिलियन डॉलर डूबे हैं. 26 नवंबर के बाद से आई गिरावट से उनको इतना नुकसान हुआ है.
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बड़े-बड़े कॉइन्स गिरावट मेंअगर क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों की बात करें बिटकॉइन सोमवार दोपहर 2 बजे के आसपास 1.96 फीसदी की गिरावट के साथ 39.98 लाख के लेवल पर था. इथीरियम भी 3.65 फीसदी गिरकर 3.34 लाख के स्तर पर था. कारडानो, रिपल, पोल्काडॉट, डॉजकॉइन सहित कई बड़े कॉइन लाल निशान में चल रहे हैं. टेदर और यूएसडी कॉइन में ही क्रमश: 0.66 फीसदी और 0.81 फीसदी की तेजी दर्ज हो रही थी.