Unocoin पर शुरू हुई Telegram के Toncoin की ट्रेडिंग

इस वर्ष TON मेननेट को शुरू किया गया था। इसे मैनेज करने की जिम्मेदारी TON फाउंडेशन के पास है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Telegram के यूजर्स इस ऐप में चैट्स के अंदर Toncoin को सीधे भेज सकते हैं
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • Telegram के फाउंडर्स ने TON की योजना लगभग चार वर्ष पहले बनाई थी
  • इसे मैनेज करने की जिम्मेदारी TON फाउंडेशन के पास है
  • क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली से क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज घटे हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

मैसेजिंग ऐप Telegram की डीसेंट्रलाइज्ड लेयर-1 ब्लॉकचेन 'TON' के नेटिव टोकन Toncoin को भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज Unocoin पर खरीदने और एक्सचेंज के लिए उपलब्ध कराया गया है. Telegram के फाउंडर्स ने TON की योजना लगभग चार वर्ष पहले बनाई थी. इस वर्ष TON मेननेट को शुरू किया गया था. इसे मैनेज करने की जिम्मेदारी TON फाउंडेशन के पास है.

Telegram के यूजर्स इस ऐप में चैट्स के अंदर Toncoin को सीधे भेज सकते हैं लेकिन इससे पहले यूजर्स को अपने अटैचमेंट मेन्यू में Telegram के वॉलेट बॉट को जोड़ना होता है. Unocoin ने एक स्टेटमेंट में बताया, "Toncoin कुछ फीचर्स के कारण अन्य लेयर-1 ब्लॉकचेन्स से अलग है. यह ट्रांजैक्शन की कई जरूरतों को पूरा करता है. इसे उपलब्ध कराने के साथ हम तेज गति से ट्रांजैक्शंस की उम्मीद कर रहे हैं जिससे एक्सचेंज के यूजर्स की संख्या भी बढ़ सकती है." हाल ही में TON फाउंडेशन ने डिवेलपमेंट की कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए डोनेशंस के जरिए लगभग एक अरब डॉलर जुटाए थे. 

अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के साथ विवाद के बाद Telegram को लगभग तीन वर्ष पहले अपना क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ा बिजनेस बंद करना पड़ा था. इसमें उसका नेटिव टोकन 'Gram' शामिल था. Telegram के CEO Pavel Durov और उनके भाई Nikolai ने शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को Telegram Open Network (TON) के तौर पर डिवेलप किया था. Telegram के इस प्रोजेक्ट को छोड़ने के बाद डिवेलपर्स के एक ग्रुप ने इस पर काम जारी रखा था और उन्होंने बाद में Gram को Toncoin के तौर पर पेश किया था. Toncoin को अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने वाला Unocoin एकमात्र भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज है.

केंद्र सरकार के इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत का TDS लागू करने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों की ट्रेडिंग वॉल्यूम में काफी गिरावट आई है. पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली से बिटकॉइन सहित बहुत सी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज काफी घटे हैं. इससे क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी फर्मों की वित्तीय स्थिति पर भी असर पड़ा है. मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 69,000 डॉलर का हाई लेवल छुआ था. इसका प्राइस घटकर लगभग 20,400 डॉलर पर है. 
 

Featured Video Of The Day
Kanwar Yatra Dhaba Controversy: तजम्मुल की पैंट उतरवाने वाला Swami Yashvir NDTV के सवालों पर बौखलाया