क्रिप्टो फर्मों पर हैकर्स के हमलों ने बढ़ाई सुरक्षित ट्रांजैक्शंस की जरूरत

FTX और Coinbase जैसे एक्सचेंज विभिन्न ब्लॉकचेन्स पर ब्रिज जैसी सर्विसेज देने की अपनी क्षमता को बढ़ा रहे हैं

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लेंडिंग मार्केटप्लेस Maple Finance जैसे कई ऐप डिवेलपर्स नई ब्लॉकचेन्स पर जा रहे हैं
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डीसेंट्रलाइज्ड ब्रिज को एक सॉफ्टवेयर के जरिए ऑपरेट किया जाता है
इसका एक अधिक सुरक्षा वाला विकल्प सेंट्रलाइज्ड हो सकता है
इस तरह के विकल्प को एक लाइसेंस प्राप्त और रेगुलेटेड फर्म चला सकती है

क्रिप्टो यूजर्स को ब्लॉकचेन्स पर डिजिटल टोकन्स के एक्सचेंज की सुविधा देने वाले क्रिप्टो ब्रिज पर हाल के महीनों में हैकर्स के हमले बढ़ने के कारण क्रिप्टो एक्सचेंजों और इस सेगमेंट से जुड़ी अन्य फर्मों के लिए अधिक सुरक्षा वाले विकल्पों की जरूरत बढ़ी है. FTX और Coinbase जैसे एक्सचेंज विभिन्न ब्लॉकचेन्स पर ब्रिज जैसी सर्विसेज देने की अपनी क्षमता को बढ़ा रहे हैं. इससे Bitcoin या Ethereum में इनवेस्टमेंट रखने वाले यूजर्स अन्य नेटवर्क्स के फाइनेंशियल या गेमिंग ऐप्स में आसानी से हिस्सा ले सकेंगे. 

उदाहरण के लिए, FTX ने पिछले वर्ष एक मार्केटप्लेस शुरू किया था जिस पर कस्टमर्स को सोलाना बेस्ड नॉन-फंजिबल टोकन्स ( NFT) की ट्रेडिंग और Ethereum को ब्लॉकचेन के Sol कॉइन के साथ एक्सचेंज करने की अनुमति मिलती है. यूजर्स एक Ethereum बेस्ड NFT को डिपॉजिट कर इसे एक ब्रिज के बजाय FTX के जरिए Solana पर विड्रॉ भी कर सकते हैं. लेंडिंग मार्केटप्लेस Maple Finance जैसे कई ऐप डिवेलपर्स नई ब्लॉकचेन्स पर जा रहे हैं. इससे विशेष ट्रांजैक्शंस के लिए ब्रिज की जरूरत नहीं रही. 

हैकर्स ने पिछले कुछ महीनों में Wormhole और Ronin जैसे क्रिप्टो ब्रिज के नेटवर्क में सेंध लगाकर करोड़ों डॉलर की चोरी की है. हाल ही में अमेरिका में किए गए एक सर्वे में लगभग 80 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि वे अपने इनवेस्टमेंट की सुरक्षा के लिए क्रिप्टो नेटवर्क्स पर विश्वास नहीं करते. FTX के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Sam Bankman Fried ने कहा, "इससे हैरानी नहीं होनी चाहिए कि बड़ी संख्या में यूजर्स चाहते हैं कि एक्सचेंजों की ओर से ब्रिज की जरूरत को कम किया जाए. हम कुछ ब्लॉकचेन्स को एक साथ ला रहे हैं और इस कोशिश को बढ़ाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है."

डीसेंट्रलाइज्ड ब्रिज को सॉफ्टवेयर के जरिए ऑपरेट किया जाता है. इनमें यह अक्सर पता नहीं होता कि इसे कौन चलाता है, इसके फंड को कौन एक्सेस कर सकता है और हैक होने के मामले में यूजर्स को उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी या नहीं. इसका एक अधिक सुरक्षा वाला विकल्प सेंट्रलाइज्ड हो सकता है. इस तरह के विकल्प को एक लाइसेंस प्राप्त और रेगुलेटेड फर्म चला सकती है, जिसे कोई समस्या होने पर जवाबदेह ठहराया जा सकता है. क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े हैकिंग के मामले बढ़ने के कारण रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की स्क्रूटनी को बढ़ाने की जरूरत बताई है. 

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