Coinbase के प्रोडक्ट्स की जांच कर रहा SEC

हाल ही में Coinbase ने डिजिटल एसेट्स सेगमेंट में बड़ी गिरावट के कारण अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था.

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फर्म से SEC ने कुछ प्रोडक्ट्स के बारे में दस्तावेज और जानकारी मांगी है

क्रिप्टो एक्सचेंज Coinbase के स्टेकिंग और यील्ड प्रोडक्ट्स क अमेरिका का सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) जांच कर रहा है. इससे पहले कुछ एसेट्स की लिस्टिंग को लेकर भी SEC की ओर से एक्सचेंज पर कार्रवाई किए जाने की जानकारी मिली थी. SEC का मानना है कि ये सिक्योरिटीज नहीं हैं और इनकी गलत तरीके से लिस्टिंग हुई है.

Coinbase ने बताया, "फर्म से SEC ने कुछ प्रोडक्ट्स के बारे में दस्तावेज और जानकारी मांगी है. इनमें एसेट्स की लिस्टिंग के प्रोसेस, कुछ लिस्टेड प्रोडक्ट्स के क्लासिफिकेशन और यील्ड देने वाले प्रोडक्ट्स शामिल हैं." स्टेकिंग और यील्ड ऐसे दो तरीके हैं जिनसे बहुत से प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को उनकी होल्डिंग्स से अधिक कमाने का मौका देते हैं. पिछले कुछ वर्षों में ये तरीके काफी लोकप्रिय हुए हैं. हालांकि, इन्हें लेकर रेगुलेटर्स की स्क्रूटनी भी बढ़ी है. 

हाल ही में Coinbase ने डिजिटल एसेट्स सेगमेंट में बड़ी गिरावट के कारण अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना था कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है. इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है. एक्सचेंज के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Brian Armstrong ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था, "हमारी टीम के साइज को लगभग 18 प्रतिशत कम करने का मुश्किल फैसला लिया गया है. इससे इकोनॉमिक स्लोडाउन के दौरान फर्म की मजबूत स्थिति को पक्का किया जा सकेगा." उन्होंने एक्सचेंज के लिए हायरिंग की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में बहुत से लोगों को रिक्रूट किया गया था और इससे अब फर्म की एफिशिएंसी पर असर पड़ रहा है.

एक्सचेंज का फोकस Web3 इंटीग्रेशन पर है. Coinbase के ऐप पर Ethereum बेस्ड dApps के एक्सेस के लिए कुछ महीने पहले एक नया फीचर शुरू किया गया था. इससे यूजर्स इस ऐप के जरिए नॉन-फंजिबल टोकन ( NFT) मार्केटप्लेस और डीसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंजों (DEX) को एक्सेस कर सकेंगे.

डीसेंट्रलाइज्ड ऐप (dApp) एक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर चलते हैं. इन ऐप के इस्तेमाल के लिए यूजर्स को इन्हें डाउनलोड करने के बजाय dApp डिवेलपर को क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान करना होता है. इन ऐप्स पर किसी एक अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता. इन ऐप्स की लोकप्रियता Web3 कम्युनिटी के बीच बढ़ रही है.

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